Buffalo Pregnancy: बच्चा देने वाली भैंसों के लिए खास है जुलाई का महीना, ऐसे करें देखभाल

Buffalo Pregnancy: बच्चा देने वाली भैंसों के लिए खास है जुलाई का महीना, ऐसे करें देखभाल

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो जुलाई में भैंस के प्रसव के बाद उसके खानपान, उसके शेड का इंतजाम और दूसरे सामान्य प्रबंध में फौरन बदलाव करना चाहिए. खानपान भी बारिश को देखते हुए प्रसवकाल के बाद वाला शुरू करना चाहिए. प्रसव के 20 दिन बाद तक खासतौर पर भैंस और उसके बच्चे की अच्छे से देखभाल बहुत जरूरी है.

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 13, 2025,
  • Updated May 13, 2025, 12:04 PM IST

एनिमल एक्सपर्ट की सलाह पर पशुपालक गाय-भैंस का प्रजनन अब अपने हिसाब से कराने लगे हैं. पशुओं को इस तरह से गाभि‍न कराया जाता है कि वो उनके मुताबिक तय वक्त पर बच्चा दे. ऐसा ही एक वक्त है जुलाई का. बहुत सारे पशुपालक भैंस से जुलाई में बच्चा लेते हैं. जुलाई मतलब मॉनसून का महीना. हालांकि मॉनसून का महीना भीषण गर्मी से राहत दिलाने वाला होता है, लेकिन बारिश के साथ इस महीने में तमाम तरह की बीमारियां भी पशुओं पर अटैक करती हैं. इसलिए जुलाई महीने में पशुओं को बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. 

और वो भी ऐसा पशु जो जुलाई में बच्चा देने वाला हो. बच्चा होने के बाद वक्त और बाद में भैंस और उसके नवजात की जितनी अच्छी देखभाल की जाएगी तभी बच्चा भी हेल्दी मिलेगा और भैंस भी तंदुरुस्त रहेगी. इतना ही नहीं भैंस दुग्धकाल के दौरान दूध भी ज्यादा और पौष्टिक देगी. इसलिए एनिमल एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक बच्चा बाहर आने के बाद क्या-क्या काम करने हैं ये तैयारी भी अभी से कर लेनी चाहिए. इसके लिए नजदीकी पशु चिकित्सक की मदद भी ली जा सकती है.

भैंस बच्चा देने वाली है तो अभी कर लें ये खास इंतजाम 

  • प्रसव कक्ष में किसी भी तरह की गदंगी नहीं होनी चाहिए.
  • प्रसव कक्ष की निचली सतह को समतल और साफ रखें.
  • मुमकिन हो तो प्रसव कक्ष जमीन से थोड़ा ऊंचा हो. 
  • पशु और नवजात को बीमारियों से बचाने के उपाय जरूर अपनाएं. 
  • कक्ष में 10 फीसद फिनायल के घोल या फिर बुझे हुए चूने का इस्तेसमाल करें. 
  • गाय-भैंस अगर खड़ी अवस्था में बच्चा दे रही है तो जमीन पर साफ बिछावन बिछा लें. 
  • बिछावन के लिए सूखी घास या फिर गेंहू का भूसा, धान की पुआल ले सकते हैं. 

भैंस जेर ना डालें तो अपनाएं ये उपाय

  • प्रसव के बाद पांच-छह घंटे के अन्दर पशु को जेर डाल देनी चाहिए. 
  • पशु की सामान्य प्रसव क्रिया में 5 से 6 घंटे लगते हैं. 
  • जेर डालने में कभी-कभी 8 घंटे भी हो जाते हैं.
  • अगर पशु आठ घंटे तक जेर न डाले तो मतलब जेर रुक रही है. 
  • जेर रुकने पर गुड़ 750 ग्राम, अजवाइन 60, सोंठ 15 और मेथी 15, सभी ग्राम में को एक लीटर पानी में मिलाकर दें. ये घोल दो बार तक दिया जा सकता है. 
  • जेर ना डालने पर बांस की हरी पत्ती को उबाल कर उसका काढ़ा भी दिया जा सकता है. 
  • अगर घरेलू उपाय काम ना करें तो पशु चिकित्सक की मदद लें. 
  • पशु चिकित्सक की सहायता से हाथ द्वारा जेर को गर्भाशय से बाहर निकाल दें. 
  • जेर को पशु चाटने या खाने न पाये, उसे दूर गड्ढे में दबा देना चाहिए.

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