एनिमल एक्सपर्ट की सलाह पर पशुपालक गाय-भैंस का प्रजनन अब अपने हिसाब से कराने लगे हैं. पशुओं को इस तरह से गाभिन कराया जाता है कि वो उनके मुताबिक तय वक्त पर बच्चा दे. ऐसा ही एक वक्त है जुलाई का. बहुत सारे पशुपालक भैंस से जुलाई में बच्चा लेते हैं. जुलाई मतलब मॉनसून का महीना. हालांकि मॉनसून का महीना भीषण गर्मी से राहत दिलाने वाला होता है, लेकिन बारिश के साथ इस महीने में तमाम तरह की बीमारियां भी पशुओं पर अटैक करती हैं. इसलिए जुलाई महीने में पशुओं को बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है.
और वो भी ऐसा पशु जो जुलाई में बच्चा देने वाला हो. बच्चा होने के बाद वक्त और बाद में भैंस और उसके नवजात की जितनी अच्छी देखभाल की जाएगी तभी बच्चा भी हेल्दी मिलेगा और भैंस भी तंदुरुस्त रहेगी. इतना ही नहीं भैंस दुग्धकाल के दौरान दूध भी ज्यादा और पौष्टिक देगी. इसलिए एनिमल एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक बच्चा बाहर आने के बाद क्या-क्या काम करने हैं ये तैयारी भी अभी से कर लेनी चाहिए. इसके लिए नजदीकी पशु चिकित्सक की मदद भी ली जा सकती है.
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