गर्मी का मौसम पशुओं के लिए एक मुश्किल समय होता है, खासकर जब वे अपने शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने में असफल होते हैं. गर्मी के कारण पशुओं में लू लगने की संभावना बढ़ जाती है, जिसे हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक कहा जाता है. यह स्थिति विशेष रूप से गायों और भैंसों के लिए खतरनाक हो सकती है. ऐसे में हम जानेंगे कि पशुओं में लू लगने के लक्षण, बचाव के उपाय और उपचार क्या हैं.
पशुओं में लू लगने के लक्षण
गर्मी में पशु का शरीर अधिक तापमान नहीं सहन कर पाता है, जिस वजह से लू लगने के लक्षण दिखने लगते हैं. यदि तापमान 38 डिग्री से 40 डिग्री तक बढ़ जाए, तो पशुओं में लू के लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है.
- हांफना और लार गिरना. लू लगने पर पशु मुंह खोलकर तेजी से सांस लेने लगते हैं.
- लू लगने पर पशु सुस्त हो जाते हैं और उसकी गतिविधियां कम हो जाती है.
- अधिक गर्मी की वजह से पशु को भूख कम लगती है, लेकिन वह अधिक पानी पीता है. साथ ही, पेशाब भी कम हो जाता है.
- लू लगने पर पशुओं के दिल की धड़कन तेज हो जाती है.
- अफरा की शिकायत: कभी-कभी पेट में अफरा या गैस का अनुभव होता है.
ये भी पढ़ें: NOHM के तहत गाय-भैंस को बीमारी से बचाना है तो अपनाएं ये उपाय, पढ़ें डिटेल
पशुओं में लू से बचाव के उपाय
- सीधी धूप से बचाव: गर्मी के समय पशुओं को सीधी धूप से बचाना चाहिए. उन्हें बाहर चराने नहीं ले जाना चाहिए.
- छायादार और हवादार जगह: पशुओं के लिए हमेशा छायादार और हवादार स्थान का चुनाव करें, जहां वे आराम से रह सकें.
- पानी की उपलब्धता: हमेशा पशुओं के पास स्वच्छ और ताजे पानी का इंतजाम रखें, ताकि वे लगातार हाइड्रेटेड रहें.
- हरा चारा देना: पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहिए, जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.
- शेड का ठंडा रखना: डेयरी शेड में पंखे या कूलर का उपयोग करें, ताकि शेड का तापमान कम रहे.
- संतुलित आहार देना: पशुओं को संतुलित आहार दें, जिसमें आवश्यक खनिज और पोषक तत्व शामिल हों.
- पानी छिड़काव: पशुओं की शारीरिक गर्मी को कम करने के लिए उनके शरीर पर पानी का छिड़काव करें.
- सामान्य आहार में बदलाव: एजोला घास, गेहूं का चोकर और जौ को आहार में शामिल करें.
- चराई का समय बदलें: पशुओं को सुबह जल्दी और शाम को देर से चराने के लिए भेजें, ताकि वे ज्यादा गर्मी से बच सकें.
ये भी पढ़ें: Goat for Bakrid: बकरा मंडी में ऊंचे दाम पर बिकते हैं यूपी-हरियाणा के ये तीन नस्ल के बकरे
पशुओं में लू लगने के उपचार
- ठंडे स्थान पर रखें: पशु को तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाएं, जहां तापमान कम हो.
- पानी का छिड़काव करें: पशु के शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें या उसे ठंडे पानी में डालें.
- चीनी और नमक का घोल दें: ठंडे पानी में चीनी, भुने हुए जौ का आटा और नमक का घोल बना कर पिलाएं.
- पुदीना और प्याज का अर्क: पुदीना और प्याज का अर्क बनाकर दें, इससे शरीर का तापमान कम होता है.
- इलेक्ट्रोलाइट थेरेपी: शरीर में पानी और लवण की कमी को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट थेरेपी करें.
- पशुचिकित्सक से संपर्क करें: यदि लक्षण गंभीर हों, तो तुरंत नजदीकी पशुचिकित्सक से संपर्क करें.
गर्मी के मौसम में पशुओं का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि वे लू लगने से बच सकें और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे. ऊपर बताए गए उपायों और उपचारों को अपनाकर आप अपने पशुओं को गर्मी से सुरक्षित रख सकते हैं और उनकी उत्पादकता को भी बनाए रख सकते हैं. पशुओं के लिए गर्मी से बचाव के उपायों का पालन करने से उनका जीवनकाल बढ़ सकता है और उनका स्वास्थ्य बेहतर रह सकता है.