Dairy Cattle: गिर गाय से जुड़ी 3 खास बातें नहीं जानते होंगे आप? इसलिए है डेयरी किसानों की पहली पसंद

Dairy Cattle: गिर गाय से जुड़ी 3 खास बातें नहीं जानते होंगे आप? इसलिए है डेयरी किसानों की पहली पसंद

अगर आप डेयरी फार्मिंग का मन बना चुके हैं तो गिर नस्ल की गाय पालना अच्छा ऑप्शन है. इस नस्ल की गाय रोजाना 15 लीटर तक दूध दे सकती है जिससे आप तगड़ी कमाई कर सकते हैं. अगर आप गिर गाय पालने जा रहे हैं तो उससे जुड़ी खास 3 बातें और उनकी बेसिक जरूरत के बारे में भी जान लीजिए.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Nov 22, 2024,
  • Updated Nov 22, 2024, 10:52 AM IST

अगर आप पशुपालन से जुड़ा कारोबार करना चाहते हैं तो डेयरी फार्मिंग सबसे अच्छा ऑप्शन है. डेयरी फार्मिंग की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि डेयरी कैटल का रखरखाव थोड़ा आसान होता है. इनके खान-पान से जुड़ी बारीकियों को भी आसानी से समझा जा सकता है. इन सबके अलावा डेयरी से कमाई का सबसे बड़ा जरिया दूध है जिसकी मांग सातों दिन और बारह महीने रहती है. अगर आप अच्छी तरह से रिसर्च करेंगे तो पाएंगे कि अधिकांश डेयरी फार्मर्स गिर गाय को पालने की सलाह देते हैं. आइए गिर गाय से जुड़ी कुछ खास बातें जान लेते हैं. 

गिर गाय पालने की खास वजहें

हमारे देश में आमतौर पर गाय, भैंस और बकरी का दूध पिया जाता है. सबसे अधिक मांग देसी गाय के दूध की होती है. गिर गाय देसी नस्ल की गायों में सबसे खास है और ज्यादातर डेयरी फार्मर्स इसे ही पालने की सलाह देते हैं. आपको गिर गाय से जुड़ी खास 3 बातें बता देते हैं.

सबसे अधिक दूध देने वाली नस्ल 

भारत में सबसे अधिक दूध देने वाली देसी गायों पर चर्चा होती है तो दो ही नस्लों का नाम सबके जेहन में आता है, साहिवाल और गिर. इन दोनों गायों की तुलना में गिर गाय थोड़ा अधिक दूध देती है. गिर एक दिन में औसतन 12 लीटर दूध देती है. सही खान-पान के बाद इस गाय से रोजाना 15 लीटर तक दूध दुह सकते हैं. 

पोषक तत्वों से भरपूर दूध 

गिर गाय देखने में लंबी-चौड़ी कद काठी की होती है, उसी तरह उसके दूध में भी अन्य नस्ल की गायों के मुकाबले अधिक पोषक तत्व होते हैं. गिर गाय के दूध में A2 बीटा-कैसिइन प्रोटीन होता है, जबकि कई अन्य नस्ल की गायों में A1 प्रोटीन पाया जाता है. A2 प्रोटीन वाला दूध आसानी से पच जाता है. साथ ही कैल्शियम, फास्फोरस, भरपूर वसा और पोटेशियम होता है. 

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किसी भी जलवायु में अनुकूल 

गिर गाय की सबसे अच्छी खासियत ये है कि ये किसी भी जलवायु और वातावरण में खुद को आसानी से ढाल लेती है. इनको पालने के लिए सीमित देखभाल भी काफी होती है. ये गायें पक्के कंक्रीट वाले फर्श की बजाय साधारण मिट्टी वाले फर्श में रहना अधिक पसंद करती हैं. हालांकि इनके खान-पान में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए. 

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

गिर नस्ल की गाय पालने जा रहे हैं तो बारीकियों के बारे में अच्छी तरह से जान लेना चाहिए. गाय को बांधने के अलावा उनके घूमने-फिरने के लिए भी थोड़ी जगह होनी चाहिए. इससे गायों में चंचलता आती है और वो स्वस्थ रहती हैं. गायों के खाने में हरा चारा, सूखा चारा, सरसों, मूंगफली की खली, ज्वार, बाजरा, जौ या मक्के की चूनी दें. इस नस्ल की गायों को रोजाना दो किलो अनाज दलिया या चूनी के रूप में जरूर दें. गायों को स्वच्छ और ताजा पानी ही दें. बासी खाना और पानी से पशु बीमार हो सकते हैं. बीमार या संक्रमित पशुओं को बांधने के लिए भी अलग व्यवस्था होनी चाहिए. 

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