मध्य प्रदेश में पशुपालन को और ज्यादा मुनाफे वाला बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. पशुपालकों का मुनाफा कैसे बढ़ेगा इस पर काम शुरू कर दिया गया है. नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) इस काम में मध्य प्रदेश सरकार की पूरी मदद कर रहा है. हाल ही में हुए एक एग्रीमेंट के तहत एनडीडीबी मध्य प्रदेश की राज्य दुग्ध सहकारी समिति सांची को मजबूत करने का काम कर रहा है. पशुपालन को और बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या किया जाएगा आज ये जानकारी एमपी स्टेट कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (MPSCMF) के एमडी डॉ. संजय गोवानी ने दी है.
मौका था इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का. कॉन्क्लेव का विषय था ‘इंडिया टुडे स्टेट ऑफ दा स्टेट्स-मध्य प्रदेश फर्स्ट’. इस मौके पर बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी भी मौजूद थे. शंकर भाई चौधरी ने भी बताया कि कैसे सांची डेयरी को मजबूत कर कमाऊ बनाया जा सकता है.
इंडिया टुड के कॉन्क्लेव में बोलते हुए एमडी डॉ. संजय गोवानी ने बताया कि प्रदेश के पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाने के लिए सात पॉइंट पर काम कर रहे हैं. इसके लिए हम दूध उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. प्रति पशु दूध उत्पादन बढ़ाने पर ज्यादा जोर है. जो गाय एक लीटर तक दूध दे रही हैं उनका नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत उत्पादन बढ़ाया जाएगा. दूध की क्वालिटी पर काम किया जा रहा है. दूध की सहकारी खरीद को बढ़ाने पर काम हो रहा है.
अभी ज्यादातर पशुपालक प्राइवेट डेयरियों को दूध बेचते हैं. इसलिए ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों को दुग्ध सहकारी समितियों से जोड़ने पर काम हो रहा है. खरीद के साथ ही दूध की टेस्टिंहग हो इसके लिए साधन जुटाने का काम हो रहा है. दूध का पेमेंट पशुपालकों को समय से और जल्द से जल्द मिल जाए, इसके लिए टेक्नोलॉजी अपनाने की कोशिश चल रही है. न्यूट्रीशन की कमी को पूरा करने के लिए फीड प्लांट और क्वालिटी का फीड उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है.
एमडी डॉ. संजय गोवानी ने इंडिया टुडे को बताया कि हमने अपने 7 पॉइंट के प्लान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पशुपालकों को कुछ खास और बड़ी सुविधाएं देने का रोडमैप भी तैयार किया है. दूध का उत्पादन बढ़ाने और दूध की क्वालिटी बढ़ाने के लिए हम पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान, एम्ब्रियो ट्रांसप्लांट (भ्रूण स्थानांतरण) और सैक्स सॉर्टेड सीमन की सुविधा उनके दरवाजे तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं. पशु बीमार हो तो उसे जल्द से जल्द पशुओं के बाड़े में ही इलाज मिल जाए इसके लिए पशु चिकित्सक (वेटरिनेरियन) पर भी काम हो रहा है. साथ ही उसके पशुओं के गोबर का इस्तेमाल बायोगैस में करके उसका मुनाफा बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.
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