Success Story: शादी में मिली 'भैंस' और बदल गई महिला की जिंदगी, संघर्ष से सफलता तक की ये कहानी है कमाल

Success Story: शादी में मिली 'भैंस' और बदल गई महिला की जिंदगी, संघर्ष से सफलता तक की ये कहानी है कमाल

50 साल की बिटाना देवी ने किसान तक से बातचीत में बताया कि उनके पिता राम नारायण ने आज से 35 साल पहले उन्हें दहेज में एक भैंस दी थी. एक भैंस के जरिए इन्होंने दुग्ध उत्पादक का काम शुरू किया था.

संघर्ष से भरा है लखनऊ की बिटाना देवी का सफरसंघर्ष से भरा है लखनऊ की बिटाना देवी का सफर
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jul 21, 2023,
  • Updated Jul 21, 2023, 6:31 PM IST

Success story: जीवन में कोई भी लक्ष्य आपके हौसले और साहस से बड़ा नहीं हो सकता. फिर चाहे बाधाएं कैसी भी हो, लेकिन उनको पार करके सफलता आपके कदम चूम ही लेती है. जी हां आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे है जिसने संघर्ष की बदौलत अपनी मंजिल को हासिल किया. राजधानी लखनऊ के निगोहा के मीरकनगर की रहने वाली बिटाना देवी को आज से करीब 35 साल पहले दहेज में एक भैंस मिली थी. उसी से दूध निकालकर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कड़ाके की धूप में दूध बांटने से शुरू हुआ यह सफर आज खुद की डेयरी तक पहुंच गया है. 50 साल की बिटाना देवी ने किसान तक से बातचीत में बताया कि उनके पिता राम नारायण ने आज से 35 साल पहले उन्हें दहेज में एक भैंस दी थी.

एक भैंस के जरिए इन्होंने दुग्ध उत्पादक का काम शुरू किया था. फिर धीमे-धीमे करके इन्होंने तीन और भैंसें खरीद लीं. लेकिन भैंस के दूध से फायदा कम होता था, इसलिए इन्होंने गायों को खरीदना शुरू किया. वर्तमान में इनके पास 11 गायें और 8 भैंसें हैं.

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उन्होंने बताया कि उनके यहां से करीब 100 लीटर दूध प्रतिदिन पराग में भेजा जाता है और पराग के जरिए लोगों के घरों तक पहुंचता है. पराग को सबसे ज्यादा दूध उपलब्ध कराने वाली बिटाना देवी ही हैं. 

बिटाना देवी ने बताया कि उनके पति हरिनाम सिंह रायबरेली जिले में अध्यापक थे. अब रिटायरमेंट के बाद वह भी उनकी मदद करते हैं. वह गायों को नहलाने से लेकर उनके दाना और चारा तक की व्यवस्था करती हैं. वह बताती हैं कि कभी सर्दी, बारिश और धूप सभी मौसम में बच्चों को लेकर वह कई किलोमीटर तक पैदल चलकर दूध देने जाती थीं. अब बच्चों को पढ़ा-लिखा कर उन्होंने काबिल बना दिया है. 

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बड़ा बेटा कार्तिकेय डॉक्टर है तो छोटा बेटा दत्तात्रेय सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी कर रहा है. वहीं छोटे बेटे की पत्नी यूपी पुलिस में हैं. बिटाना ने बताया कि एक महीने में 3 लाख रुपये की आय हो जाती है. बिटाना देवी अभी तक 14 बार गोकुल पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं और राष्ट्रपति सम्मान भी अपने नाम करा चुकी हैं. बिटाना देवी के जीवन और सफलता की कहानी युवाओं के लिए आज एक प्रेरणा का काम कर रही है.

 

 

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