पूरबी डेयरी ब्रांड के तहत काम करने वाली वेस्ट असम मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (WAMUL) अपनी दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाएगी. इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ हाथ मिलाया है. बयान में कहा गया है कि इस साझेदारी से WAMUL का दूध उत्पादन दोगुना होकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन पहुंच जाएगा. इससे स्थानीय पशुपालकों और डेयरी किसानों को समय पर और उचित दाम मिल सकेगा. जबकि, आइसक्रीम प्लांट लगाने की योजना भी चल रही है.
वेस्ट असम मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (WAMUL) ने कहा कि स्थानीय डेयरी किसानों और पशुपालकों को उचित और समय पर दाम दिलाने के साथ ही उपभोक्ताओं को उचित दाम पर मिल्क प्रोडक्ट मुहैया कराने के लिए तेज गति से काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में हाल ही में 'एडवांटेज असम 2.0' व्यापार शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया गया है.
गुवाहाटी स्थित दूध उत्पादक WAMUL के विस्तार प्रक्रिया के तहत यह साझेदारी की गई है. WAMUL के बयान के अनुसार 100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस विस्तार परियोजना से पूरबी डेयरी के पंजाबरी प्लांट की क्षमता 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 3 लाख लीटर प्रति दिन हो जाएगी. इससे बढ़ती उपभोक्ता मांग को पूरा करने के लिए क्वालिटी वाले डेयरी प्रोडक्ट की सप्लाई आसानी से की जा सकेगी.
बयान में कहा गया है कि फर्मेंटेड मिल्क प्रोडक्ट कैपेसिटी को 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 50 मीट्रिक टन प्रति दिन किया जाएगा. इसके साथ ही टीएलपीडी क्षमता वाले एक नए आइसक्रीम प्लांट लगाया जाएगा. कंपनी ने कहा कि सप्लाई चेन को बढ़ाने के साथ-साथ इससे वैल्यू एडेड प्रोडक्ट के जरिए डेयरी किसानों को बेहतर रिटर्न भी मिलेगा.
WAMUL ने पिछले साल जुलाई में धेमाजी जिले में 5000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले प्लांट को चलाने के लिए असम सरकार के साथ एक समझौता किया था. WAMUL की स्थापना 1976 में असम के नागांव, मोरीगांव, ग्वालपाड़ा, नलबाड़ी और कामरूप जिलों के दुग्ध उत्पादकों के सहकारी संघ के रूप में हुई थी. WAMUL असम में किसानों से दूध खरीदती है और मिल्क प्रोडक्ट उपभोक्ताओं तक पहुंचाती है.