Green Fodder for Winter एक ऐसी डाइट जिसमे कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में हों उसे बैलेंस डाइट कहा जाता है. असल में सिर्फ इंसान ही नहीं पशुओं को भी ऐसी बैलेंस डाइट की जरूरत होती है जो ग्रोथ और उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित हो. और अगर गाय-भैंस की रोजाना की खुराक में बैलेंस डाइट शामिल हो जाती है तो उससे दूध की क्वालिटी सुधरने के साथ ही उत्पादन भी बढ़ने लगता है. लेकिन, अक्सर कुछ पशुपालक या तो हरे चारे की कमी के चलते या फिर किसी खास मौसम में ज्यादा उत्पादन के चलते सस्ते चारे को दिनभर पशुओं को खिलाते हैं.
हालांकि ये तरीका एकदम गलत है. अगर किसी भी खास मौसम में पशुओं के लिए हरे चारे की कमी न हो तो उसके लिए पहले से एक प्लान तैयार कर लें. ये प्लान ये तय करता है कि आने वाले दिनों में पशुओं को क्या खिलाना है. जैसे अब सर्दियां आ रही हैं तो एक चारा प्लान तैयार किया जा सकता है. और ऐसा करके हरे चारे की कमी से होने वाली परेशानी से भी लड़ा जा सकता है.
चारा एक्सपर्ट डॉ. अरुण वर्मा का कहना है कि हरे चारे की एक फसल कम से कम ऐसी होनी चाहिए जो एक बार लगाने के बाद कई साल तक उपज दे. जैसे नेपियर घास को बहुवर्षिय चारा कहा जाता है. बहुवर्षिय चारा वो होता है जो एक बार लगाने के बाद लम्बे वक्त तक उपज देता है. नेपियर घास भी उसी में से एक है. एक बार नेपियर घास लगाने के बाद करीब पांच साल तक हरा चारा लिया जा सकता है. लेकिन ऐसा भी नहीं किया जा सकता है कि पशुओं को सिर्फ नेपियर घास ही खिलाते रहें. अगर आप पशु को नेपियर घास दे रहे हैं तो उसके साथ उसे दलहनी चारा भी खिलाएं. इसके लिए सितम्बर में नेपियर घास के साथ होने वाला लोबिया भी खिलाया जा सकता है.
हर मौसम में आप नेपियर के साथ सीजन के हिसाब से दूसरा हरा चारा लगा सकते हैं. ऐसा करने से पशु को नेपियर घास से कर्बोहाइड्रेड है तो लोबिया से प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स मिलते हैं. और इसी तरह की खुराक से भेड़-बकरी में मीट की ग्रोथ होती है तो गाय-भैंस में दूध का उत्पादन बढ़ता है. दूध देने वाले और मीट के लिए पाले जाने वाले पशुओं को दिनभर की खुराक दिए जाने के दौरान इस बात की जानकारी होना जरूरी है कि हम उसे जो चारा खिला रहे है उसमे जरूरी पोषक तत्व हैं या नहीं. या फिर कौन-कौनसा चारा खिलाने से उन पोषक तत्वों की कमी पूरी होगी. ऐसा करने से ही उत्पादन बढ़ने के साथ ही दूध-मीट की लागत कम होती है.
ये भी पढ़ें- Poultry Feed: पोल्ट्री फार्मर का बड़ा सवाल, विकसित भारत में मुर्गियों को फीड कैसे मिलेगा
ये भी पढ़ें- Poultry Board: पशुपालन मंत्री और PFI ने पोल्ट्री फार्मर के लिए की दो बड़ी घोषणाएं, पढ़ें डिटेल