Poultry Farming: अंडे-मांस की बढ़ती मांग ने पोल्ट्री फार्मिंग को एक नया फायदेमंद बिजनेस बना दिया है. अब कई किसान पोल्ट्री फार्मिंग करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. दरअसल, कई बार लोग पोल्ट्री फार्मिंग का व्यवसाय शुरू तो करना चाहते हैं, लेकिन जानकारी के आभाव में वो अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर पाते हैं. ऐसे लोगों के लिए केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (CARI) 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली में एग्रीबिजनेस इंक्यूबेशन केंद्र के जरिए विविधीकृत व्यावसायिक कुक्कुट पालन विषय पर 16 अक्टूबर 2023 से 5 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम की शुरूआत ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जाएगा.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जापानी बटेर, टर्की, गिनी फाउल, देसी फाउल बतख पालन के साथ ही ब्रायलर, लेयर उत्पादन की तकनीकियों व कुक्कुट पालन में कृत्रिम गर्भाधान जैसे विषयों के तकनीक विषयों पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही पोल्ट्री यूनिट शुरू करने के लिए जरूरी प्रबंधन तकनीकी, आहार प्रबंधन, कुक्कुट बीमारियों में आयुर्वेदिक उपचार, मार्केटिंग, बीमा, पोल्ट्री उत्पादों की प्रोसेसिंग तकनीक पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इसके साथ ही कई बैंकों से लोन लेने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने व सरकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आखिर में प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे, जिसकी मदद से अपना पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंकों ने लोन ले सकते हैं.
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प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए इच्छुक उम्मीदवार कैरी की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. क्लिक करने पर पंजीकरण फार्म खुलेगा, जिसे भरकर सबमिट करना होगा. इसके लिए उम्मीदवार जीमेल एकाउंट ज़रूरी है. फार्म भरने से पहले, प्रशिक्षण फीस का भुगतान संस्थान की वेबसाइट https://cari.icar.gov.in/payment.php पर दिए गए पेमेंट गेटवे के माध्यम से करा होगा और रसीद की सॉफ्ट कॉपी को पंजीकरण फार्म में अपलोड करना होगा. अपनी पासपोर्ट साइज की फोटो, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र (अंतिम कक्षा/डिग्री) जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए) की सॉफ्ट कॉपी तैयार करके पंजीकरण फार्म में अपलोड कर दें. बाद में पंजीकरण फार्म भरें और सबमिट करें.
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इसके बाद आपको ईमेल से कंफर्मेशन और प्रशिक्षण के लिए लिंक भेजा जाएगा. प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 1000 रुपए रखा गया है. जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 600 रुपये शुल्क लगेगा. पोल्ट्री फार्मिंग का प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक चलेगा.
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से जमीन के निरीक्षण की एनओसी लेनी होगी.
पोल्ट्री फार्म स्थापित करने और संचालन करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी होगी.
नदी, झील, नहर, कुंआ और पानी के स्टोरेज टैंक से 100 मीटर की दूरी पर बनाया जाए.
पोल्ट्री फार्म की नेशनल हाइवे से 100 मीटर की दूरी रखनी होगी.
पोल्ट्री फार्म की स्टेट हाइवे से 50 मीटर की दूरी रखनी होगी.
किसी और अन्य सड़क या पखडंडी से पोल्ट्री फार्म की दूरी 10 से 15 मीटर रखनी होगी.
पोल्ट्री फार्म के ऊपर से हाइटेंशन की लाइन नहीं जा रही हो.
स्कूल-कॉलेज और किसी भी धार्मिक स्थल से पोल्ट्री फार्म की दूरी 500 मीटर होनी चाहिए.
पोल्ट्री फार्म में बिजली की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.
जिस जमीन पर पोल्ट्री फार्म बना हो उसकी जमीन समतल होनी चाहिए.
पोल्ट्री फार्म की बाउंड्रीवाल से मुर्गियों के शेड की दूरी 10 मीटर होनी चाहिए.
मुर्गियों के शेड की जाली वाली साइड उत्तर से दक्षिण में होनी चाहिए.
पोल्ट्री फार्म का शेड जमीन से आधा मीटर ऊपर होना चाहिए.
पोल्ट्री फार्म बाढ़ग्रस्त या पानी भरने वाली जगह पर नहीं होना चाहिए.