Shrimp Production: उत्तर भारत के 4 राज्यों में ये 10 काम हुए तो बढ़ जाएगा झींगा प्रोडक्शन, पढ़ें डिटेल 

Shrimp Production: उत्तर भारत के 4 राज्यों में ये 10 काम हुए तो बढ़ जाएगा झींगा प्रोडक्शन, पढ़ें डिटेल 

Shrimp Export झींगा पालकों का कहना है कि खारे पानी-मिट्टी में होने वाले इस झींगा उत्पादन के लिए नॉर्थ इंडिया के चार राज्यों में भी बहुत अवसर हैं. खासतौर से चार राज्यों में झींगा को बढ़ावा मिले तो उत्पादन बहुत ज्यादा बढ़ सकता है. केन्द्र सरकार भी पूरी कोशि‍श कर रही है. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Aug 21, 2025,
  • Updated Aug 21, 2025, 3:13 PM IST

Shrimp Export देश से होने वाले सीफूड एक्सपोर्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी झींगा की है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश से कुल सीफूड एक्सपोर्ट करीब 65 हजार करोड़ रुपये का है. और इसमे भी सबसे ज्यादा झींगा की 40 हजार करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है. यही वजह है कि अमेरिका से टैरिफ के मामले पर चल रहे तनाव के बीच झींगा की चर्चा बहुत है. हालांकि अभी सिर्फ गुजरात और आंध्र प्रदेश के कोस्टल एरिया में ही सबसे ज्यादा झींगा का उत्पादन होता है. झींगा किसान और एक्सपर्ट डॉ. मनोज शर्मा ने किसान तक को बताया कि ऐसा नहीं है कि झींगा का उत्पादन देश के किसी और हिस्से में नहीं हो सकता है.  

झींगा उत्पादन के लिए क्या डिमांड हो रही है 

  • हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में खारी जमीन-पानी बहुत है. 
  • इसी जमीन पर केन्द्र सरकार झींगा पालन करने की योजना पर काम कर रही है. 
  • झींगा पालन शुरू करने और पालन बढ़ाने के लिए चारों राज्यों के किसानों ने कुछ मांग की है. 
  • झींगा पालकों का आरोप है कि स्थापना लागत ज्यादा है, सब्सिडी कवरेज कम है. 
  • खारे पानी में जलीय कृषि के लिए प्रतिबंधात्मक दो-हेक्टेयर क्षेत्र सीमा पर विचार किया जाए. 
  • मिट्टी-पानी के खारेपन में उतार-चढ़ाव होता रहता है. 
  • जमीन के पट्टों के रेट पर दोबारा से विचार किया जाए. 
  • देश में उच्च गुणवत्ता वाले झींगा के बीज की कमी है. 
  • किसानों ने झींगा बाजार, कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं, सप्लाई का बुनियादी ढांचा, बढ़ती इनपुट लागत, उत्पादों के लिए कम बाजार कीमत को बाजार की बड़ी परेशानी बताया है. 
  • किसानों का आरोप है कि ये वो परेशानी हैं जो झींगा पालन में इंवेस्ट के बाद होने वाले रिटर्न में रोढ़ा बन रही हैं. 
  • चुनौतियों से निपटने के लिए चारों राज्यों में झींगा पालन को मजबूत करने के लिए केंद्रीय सहायता की जरूरत है. 
  • जलीय कृषि कार्यों के लिए इकाई लागत को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जाए. 
  • क्षेत्र सीमा को दो हेक्टेयर से बढ़ाकर पांच हेक्टेयर किया जाए. 
  • पॉलिथीन लाइनिंग के लिए सब्सिडी बढ़ाई जाए और सिरसा, हरियाणा में एक एकीकृत एक्वा पार्क की स्थापना की जाए. 

निष्कर्ष- 

अगर झींगा पाकों को केन्द्र सरकार से मदद मिल जाए तो नए सिरे से झींगा पालन किया जा सकता है. जो पहले से कर रहे हैं वो उत्पादन बढ़ा सकते हैं. सवाल ये है कि कुछ ऐसी जरूरतें हैं जिनका पूरा होना बहुत जरूरी है. अगर ये काम हो जाएं तो फिर झींगा उत्पादन में कोई रुकावट नहीं आएगी.

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