
Animal Care in Winter वैसे तो मौसम कोई भी हो हर तरह के मौसम में पशुओं को देखभाल की जरूरत होती है. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि सर्दी के मौसम में पशुओं की ज्यादा देखभाल करनी होती है. यहां तक की पीने के पानी का भी बहुत खास ख्याल रखना होता है. इसी को देखते हुए नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) जरूरत के मुताबिक पशुपालकों के लिए पशुओं की देखभाल से जुड़े टिप्स जारी करता रहता है. साथ ही पशुपालकों को जागरुक भी करता है कि मौसम के हिसाब से पशुओं की देखभाल में बदलाव करते रहें. जिससे इंसान और पशु दोनों ही गंभीर बीमारियों से बचे रहें.
क्योंकि NOHM की टिप्स जहां पशुओं को बीमारियों से बचाने संबंधी होती है तो पशुओं से इंसानों में होने वाली बीमारियों से पशुपालकों को भी अलर्ट करती है. इस तरह ये टिप्स पशुपालक और जो पशुपालक नहीं हैं उन सभी के लिए होती हैं. NOHM की टिप्स साइंटीफिक तरीके से पशुपालन करने को जागरुक करती है. इंसानों को 70 से 75 फीसद बीमारियां पशुओं से लगती हैं, जिन्हें हम जूनोसिस या जूनोटिक कहते हैं.
पशुपालन मंत्रालय का कहना है कि पशुओं से इंसानों में होने वालीं जूनोसिस या जूनोटिक बीमारियां ज्यादातर कीट-पतंगों से होती हैं. इसमे सबसे बड़ा रोल मच्छर का है. इसलिए इंसानों को चाहिए कि कपड़े इस तरह के पहने जाएं जिससे पूरा शरीर ढका रहे. अपने आसपास गंदगी ना होने दें. इतना ही नहीं अगर घर में किसी भी तरह का पशु या पक्षी है तो उसे हाथ लगाने से पहले और उसके बाद अपने हाथों को सेनेटाइज जरूर करें.
पशुपालन मंत्रालय से जुड़े जानकारों की मानें तो वन हैल्थ मिशन के तहत एनीमल फार्म पर बॉयो सिक्योरिटी बहुत जरूरी है. बॉयो सिक्योंरिटी प्लान के तहत सबसे पहले अपने एनीमल फार्म की बाड़बंदी करें. सड़क पर घूमने वाला कोई भी जानवर फार्म में नहीं घुसे. फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव कराएं. हैंड सेनेटाइज में काम आने वाली दवा फार्म पर रखें.
अगर कोई व्यक्ति बाहर से आपके फार्म में आ रहा है तो उसके शूज बाहर ही उतरवाएं या फिर उन्हें सेनेटाइज करें. आने वाले के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज करवाएं. पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं. जब भी फार्म पर कोई नया पशु आए तो उसे कम से कम 15 दिन के लिए अपने पशुओं से अलग जगह पर रखें. पशु के छोटे बच्चे, बीमार पशु, गर्भवती पशु, हेल्दी पशु, दूध देने वाले पशुओं को अलग-अलग रखें. मौसम के हिसाब से बाड़े में पशुओं का रखरखाव रखें, खासतौर से बरसात के मौसम में जब मच्छर-मक्खियों का प्रकोप ज्यादा होता है.
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