Tree and Pulses Fodder: बकरी पालन में दूध-मीट ज्यादा चाहिए तो हरे चारे में ऐसे खि‍लाएं कर्बोहाइड्रेड-प्रोटीन 

Tree and Pulses Fodder: बकरी पालन में दूध-मीट ज्यादा चाहिए तो हरे चारे में ऐसे खि‍लाएं कर्बोहाइड्रेड-प्रोटीन 

Tree and Pulses Fodder बकरे-बकरियों के हरे चारे में कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स की जरूरत को पूरा करना बहुत जरूरी है. क्योंकि अगर बकरे-बकरी से दूध और मीट का भरपूर और क्वालिटी वाला उत्पादन चाहिए तो फिर हरे चारे में इन चीजों का होना बहुत जरूरी है. 

नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Nov 10, 2025,
  • Updated Nov 10, 2025, 1:02 PM IST

बकरी पालन अब सिर्फ मीट के लिए ही नहीं किया जाता है. बकरी के दूध की डिमांड भी बढ़ रही है. जो ब्रीडिंग के लिए बकरी पालन करते हैं उन्हें बकरी के बच्चों की जरूरत पूरी करने के लिए ज्यादा से ज्यादा दूध की जरूरत होती है. और इसके लिए जरूरी है कि बकरे-बकरियों को सुबह से शाम तक बैलेंस्ड डाइट खि‍लानी चाहिए. जिस तरह से इंसानों को हर रोज कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स की जरूरत होती है, ठीक वैसे ही बकरे-बकरियों को भी इसी तरह की खुराक चाहिए होती है. 

इसी तरह की कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स वाली खुराक खाने के बाद ही पशु दूध भी ज्यादा और क्वालिटी का देता है, और साथ में मीट का उत्पादन भी बढ़ता है. गोट एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं को कभी भी लगातार एक ही तरह का हरा चारा नहीं खि‍लाना चाहिए. इसलिए ये जानकारी होना जरूरी है कि हर रोज पशुओं को दिए जाने वाले हरे चारे में कर्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स कैसे शामिल किए जाएं.

नेपियर घास के साथ मिलाकर दें दलहनी चारा 

फोडर एक्सपर्ट का कहना है कि नेपियर घास बहुवर्षिय चारे में शामिल है. बहुवर्षिय चारा वो होता है जो एक बार लगाने के बाद लम्बे वक्त तक होता है. जैसे नेपियर घास. एक बार नेपियर घास लगाने के बाद करीब पांच साल तक लगातार आप इससे चारा ले सकते हैं. लेकिन सवाल ये है कि पशुओं को सिर्फ एक ही तरह के हरे चारे पर नहीं रखना चाहिए. जैसे अगर नेपियर घास दे रहे हैं तो उसके साथ दलहनी चारा भी उगा लें. जैसे सितम्बर में नेपियर घास के साथ लोबिया लगाया जा सकता है. मतलब नेपियर के साथ सीजन के हिसाब से दूसरा हरा चारा लगा सकते हैं.  

अब जब भी आप अपने पशु को नेपियर घास खाने के लिए दें तो उसके साथ उसे दलहनी चारा जरूर दें. नेपियर घास में अगर कर्बोहाइड्रेड है तो लोबिया में प्रोटीन और दूसरे मिनरल्स शामिल हैं. और इसी तरह की खुराक भेड़-बकरी हो या फिर गाय-भैंस उन्हें इसकी जरूरत होती है. इसे खाने के बाद पशु से दूध ज्यादा मिलता है तो उनके वजन में भी बढ़ोतरी होती है और मीट का स्वाद बढ़ता है. 

सर्दियों में खि‍लाएं पेड़ों वाला हरा चारा 

फोडर एक्सपर्ट का कहना है कि सर्दियों के मौसम में हरे चारे की थोड़ी कमी हो जाती है. नेपियर घास भी उतनी नहीं मिल पाती है. दूसरी बात ये कि जमीन पर पड़े चारे के मुकाबले बकरी डाल से तोड़कर खाना पसंद करती है. इसमे बकरी को एक खास खुशी भी महसूस होती है. अगर मैदान में हरा चारा नहीं है तो हम ट्री फोडर यानि नीम, गूलर, अरडू आदि पेड़ की पत्तियां खिला सकते हैं. अगर स्वाद और पसंद की बात करें तो बकरियां इन्हें खाना खूब पसंद करते हैं. सर्दियों में तो खासतौर पर नीम की पत्तियां खाना बहुत पसंद करती हैं. और एक खास बात ये कि पेड़ों की पत्तियां बकरियों के लिए चारा तो होती ही हैं, साथ में दवाई का काम भी करती हैं. जैसे नीम खाने से पेट में कीड़े नहीं होते हैं. 

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