Punganur Cow पुंगनूर गाय से अब पूरा देश ही वाकिफ हो चुका है. पुंगनूर गाय के साथ आईं पीएम नरेन्द्र मोदी की तस्वीरों ने इस गाय को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. पुंगनूर गाय खुद एक बछड़े जैसी लगती है. इस नस्ल की खास पहचान ही यही है कि इसकी हाइट बहुत कम होती है. इसे बौनी गाय भी कहा जाता है. पुंगनूर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की मूल नस्ल है. अब इस गाय के बारे में अच्छी खबर ये है कि इसकी संख्या को तेजी से बढ़ाया जा सकेगा. और ये सब मुमकिन होगा ओवम पिक अप (OPU) इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) और एंब्रियो ट्रांसफर (ET) तकनीक की मदद से.
हाल ही में नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) इन तीनों तकनीक की मदद से एक पुंगनूर बछड़े का जन्म कराया है. NDDB के चैयरमेन डॉ. मीनेश शाह का कहना है कि विरासत मूल्य के लिए पहचानी जाने वाली पुंगनूर गाय को पीएम नरेंद्र मोदी जी द्वारा विशेष रूप से स्वीकार किया गया है. साथ ही उन्होंने भारत की राष्ट्रीय विरासत के हिस्से के रूप में ऐसे स्वदेशी आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व पर जोर भी दिया है.
गाय-भैंस में कैसे काम करती है OPU-IVF तकनीक
- अल्ट्रासाउंड की मदद से गाय में अंडों की पहचान की जाती है.
- गाय के उन अंडों को बाहर निकाला जाता है.
- अंडों की संख्या 20 से 50 तक होती है.
- दो महीने में तीन बार तक गाय के अंडे निकाले जा सकते हैं.
- इन अंडों को लैब में बुल के सीमन के साथ फर्टिलाइज्ड किया जाता है.
- अंडों और बुल के सीमन की फर्टिलाइज्ड प्रक्रिाया से भ्रूण बनता है.
- लैब में तैयार भ्रूण को गाय के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
- फिर गाय 240 से 250 दिन में बच्चे को जन्म दे देती है.
OPU-IVF तकनीक के फायदे क्या हैं
- एक बार में एक गाय में 20 से 50 अंडे बनते हैं.
- प्रक्रिसया तरीके से बच्चा पैदा कराया जाए तो इन अंडों से गाय एक बच्चा देगी.
- OPU-IVF तकनीक का इस्तेमाल कर 10 से 20 बच्चे पैदा कराए जा सकते हैं.
- दो महीने में हमे एक गाय के अंडों से 30 से 60 बच्चे मिल सकते हैं.
- एक गाय में 20 से 21 दिन में अंडे बनते हैं.
- इस तकनीक से बच्चा पैदा कराने में समय की बचत होगी.
- जबकि प्राकृतिक तरीके से बच्चा पैदा होने में 5 से 7 साल लगते हैं.
NDRI और IVRI को भी OPU-IVF में मिल चुकी है कामयाबी
- गिर गंगा गाय के अंडों का लैब में इस्तेमाल किया गया.
- गिर नस्ल के एक अच्छे बुल से गंगा के अंडों को फर्टिलाइज्ड किया गया.
- गंगा के अंडों से लैब में 12 भ्रूण तैयार किए गए.
- लैब में तैयार 5 भ्रूण को अलग-अलग पांच साहीवाल गायों में ट्रांसफर किया गया.
- 5 साहीवाल गायों में से एक गाय ने 11 जुलाई को एक बच्चे को जन्म दिया है.
- IVRI ने OPU-IVF तकनीक का इस्तेमाल गाय-भैंस दोनों में किया है.
- IVRI ने 6 गाय यानि 5 साहीवाल और एक थारपारकर पर रिसर्च की है.
- IVRI ने OPU-IVF तकनीक का इस्तेमाल एक मुर्रा नस्ल की भैंस पर भी किया है.
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