Animal Care: अब बेहद आसान हो जाएगा पशुपालन, बस इस Helpline Number की लें मदद

Animal Care: अब बेहद आसान हो जाएगा पशुपालन, बस इस Helpline Number की लें मदद

पशुपालकों को घर बैठे इलाज की सुविधा देने और पशुओं की मृत्यु दर कम करने के मकसद से राजस्थान सरकार ने मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट (MVU) और हैल्प लाइन नंबर 1962 की शुरुआत की है. जिसके चलते दूर-दराज इलाके के पशुओं का इलाज घर बैठे फ्री में हो जाता है. 

animal Vaccinationanimal Vaccination
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Feb 19, 2025,
  • Updated Feb 19, 2025, 12:16 PM IST

एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुपालन में चारे के बाद सबसे ज्यादा लागत पशुओं की बीमारी के इलाज पर आती है. जिसके चलते उत्पादन की लागत बढ़ जाती है. वहीं कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां पशु अगर बीमार हो जाए तो पशुपालक आसानी से उसका इलाज नहीं करा पाते. खुद से पशु को डॉक्टर तक ले जाने के लिए साधन नहीं होता और पास में कोई पशु चिकित्सालय भी नहीं होता है. पशुपालकों की इसी परेशानी को दूर करने और पशुपालन को आसान बनाने के लिए सरकार ने मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट (MVU) और हैल्पलाइन नंबर 1962 की शुरुआत की है. 

जिसके बाद से राजस्थान जैसे राज्य के दूर-दराज इलाकों में भी पशुओं की हर छोटी-बड़ी बीमारी का वक्त से इलाज कराना आसान हो गया है. साथ ही इलाज कराने पर पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ता है. बस मोबाइल से एक कॉल करनी होती है और डॉक्टर समेत पैरा मेडिकल स्टाफ की टीम आपके पशु बाड़े तक आ जाती है. 

536 एमवीयू कर रहीं पशुओं का इलाज 

राजस्थान सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं. एक साल पूरे होने की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि हमारी सरकार ने प्रदेश के पशुपालकों को एमवीयू के रूप में एक बड़ी सौगात दी है. दूर-दराज के इलाकों में पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए घर पर ही उपचार की सुविधा मिल रही है. प्रदेश में 536 एमवीयू यूनिट हर रोज राज्य के हर हिस्से में घर बैठे उनके पशुओं को इलाज की सुविधा दे रही हैं. प्रदेश के जिन इलाकों में पशु चिकित्सालय नहीं हैं या उनकी दूरी ज्यादा है ऐसे इलाकों के लिए ये एमवीयू वरदान साबित हो रही हैं.

इसके साथ ही पशुपालकों के लिए 1962 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. इस एमवीयू यूनिट में हमेश तीन लोगों का स्टाफ मौजूद रहता है जो पशुओं की सभी प्रकार की प्रमुख बीमारियों का उपचार करता है. मौजूदा वक्त में यह यूनिट डबल मोड में काम कर रही है. कॉल सेंटर के अलावा हर रोज एक तय वक्त के लिए ये यूनिट कैम्प में भी पशुओं का इलाज करती है. एक साल में इस यूनिट की मदद से 32 लाख से ज्यादा पशुओं का इलाज किया जा चुका है. वहीं राजस्थान में करीब दो लाख कैम्प का आयोजन किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- Bird Flu: बर्ड फ्लू में भी खाया जा सकता है अंडा, जानें इस पर क्या बोले पोल्ट्री एक्सपर्ट

ये भी पढ़ें- Goat Farming: 100 से लेकर 500 भेड़-बकरी पालने तक पर कितनी मदद दे रही सरकार, पढ़ें‍ डिटेल

 

MORE NEWS

Read more!