Guidelines for Animals: घोड़े-खच्चरों पर अब NO ओवरलोडिंग! इतने किलो से ज्यादा है वजन तो पैदल पहुंचें वैष्णो मां के दरबार

Guidelines for Animals: घोड़े-खच्चरों पर अब NO ओवरलोडिंग! इतने किलो से ज्यादा है वजन तो पैदल पहुंचें वैष्णो मां के दरबार

Guidelines for Animal धार्मिक यात्राओं के दौरान चढ़ाई के लिए पशुओं का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. पहले से बनाए गए नियमों को नहीं माना जाता है. जरूरत से ज्यादा वजन लाद दिया जाता है. दिन के अलावा रात में भी उनकी सेवाएं ली जाती है. इस सब को रोकने के लिए ही गाइड लाइन जारी की गई है. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Aug 28, 2025,
  • Updated Aug 28, 2025, 1:58 PM IST

Guidelines for Animal आप वैष्णो देवी या चार धाम की यात्रा प्लान कर रहे हैं तो पहले अपना वजन तौल लें. क्योंकि अगर आपका वजन तय मानकों से ज्यादा हुआ तो फिर आपको यात्रा के दौरान पैदल ही चढ़ाई चढ़नी होगी. आपको घोड़े और खच्चर की सुविधा नहीं मिलेगी. केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय ने ये नए नियम लागू कर दिए हैं. खासतौर पर तीर्थयात्रा में लगे घोड़े, खच्चर, टट्टू और गधों के लिए गाइड लाइन लागू की गई है. जिले का डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) को इसका पालन कराने की जिम्मेदारी दी गई है. इसमे अमरनाथ यात्रा को भी शामिल किया गया है. वहीं राज्य सरकारों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने यहां धार्मिक यात्रा में इस्तेमाल होने वाले पशुओं के संबंध में इस गाइड लाइन का पालन कराएं. 

धार्मिक यात्रा में पशुओं के लिए क्या हैं नियम 

  • सभी घोड़ों को राज्य पशुपालन विभाग में रजिस्टर्ड कराने के साथ टैग लगाना होगा. 
  • घोड़ों का वैक्सीनेशन कराने के साथ ही उनका हैल्थ चेकअप भी कराना होगा. 
  •  यात्रा के रूट पर तैनात करने से पहले ग्लैंडर्स और इक्वाइन इन्फ्लूएंजा की अनिवार्य जाँच करानी होगी.
  • हर पांच किलोमीटर पर एक रेस्ट पॉइंट बनाना होगा. 
  • रेस्ट पॉइंट पर पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करनी होगी. 
  • रेस्ट पॉइंट पर ही पशुओं के लिए कुछ जरूरी दवाईयां भी रखनी होगी.  
  • घोड़ों पर 80 किलो से ज्यादा वजन नहीं लादा जाएगा. 
  • खच्चरों पर 90 किलो से ज्यादा वजन लादकर नहीं चला जाएगा. 
  • वहीं टट्टुओं के लिए और गधों के लिए 25 किलोग्राम वजन तय किया गया है. 
  • पशुओं पर कोई भी •नुकीले और कठोर उपकरणों को लादकर नहीं चलाया जाएगा. 
  • रात के वक्त पशुओं का कतई इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. 
  • राज्य सरकार, तीर्थस्थल बोर्ड, डीएम और राज्य प्रशासनिक सेवा (एसपीसीए) इसका पालन कराएंगे. 
  • डीएएचडी, एडब्ल्यूबीआई और एनआरसीई पालन के लिए तकनीकी मार्गदर्शन देंगे. 
  • पशु बीमा कराना कराना होगा, जिससे पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी. 
  • यात्रा में सिर्फ स्वस्थ, व्यवस्थित घोड़ों का इस्तेमाल होगा पशुओं के गिरने, दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी. 
  • गाइड लाइन अभी से लागू होगी, राज्यों को यात्रा सीजन से पहले अपनाने के लिए सहायता दी गई है. 

गाइड लाइन के मुख्य बिन्दु और क्या हैं 

  • धार्मिक तीर्थ यात्राओं में काम करने वाले घोड़ों के साथ मानवीय व्यवहार हो. 
  • कमजोर, बीमार पशुओं से तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और हैल्थ दोनों जोखिम में रहते हैं. 
  • सभी पशुओं के लिए एक समान ढांचा प्रदान और लागू करना.
  • ये गाइड लाइन अमरनाथ यात्रा, चार धाम, वैष्णोदेवी और मणिमहेश यात्रा पर लागू होगी. 
  • राज्य सरकार भी इन्हें अपने यहां होने वाली धार्मिक यात्रा पर लागू कर सकती है. 
  • ये गाइड लाइन एक्सपर्ट, पशुपालक, राज्य सरकार, एडब्ल्यूबीआई और एनआरसीई, हिसार ने मिलकर बनाई है.  

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