Dorper Sheep: पहली बार भारत आ रही हैं डॉर्पर भेड़, ऐसे करनी होगी खास देखभाल, इसलिए मंगाई हैं 

Dorper Sheep: पहली बार भारत आ रही हैं डॉर्पर भेड़, ऐसे करनी होगी खास देखभाल, इसलिए मंगाई हैं 

Australian Dorper Sheep ऑस्ट्रेलिया से ब्रीडिंग के लिए खासतौर पर मेल और फीमेल डॉर्पर भेड़ मंगाई जा रही हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया से भारत लाकर डॉर्पर भेड़ का पालन करना आसान नहीं है. उसके लिए शेड में रखरखाव से लेकर खाने-पीने का भी खास ख्याल रखना होगा.

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Aug 27, 2025,
  • Updated Aug 27, 2025, 11:34 AM IST

Australian Dorper Sheep वैसे तो भारत में भी भेड़ों की 26 से ज्यादा नस्ल पाई जाती हैं. किसी को ऊन के लिए पाला जाता है तो किसी को मीट के लिए. लेकिन देश में बढ़ती भेड़ के मीट की डिमांड भारत की भेड़ पूरी नहीं कर पा रही हैं. यही वजह है कि डॉर्पर भेड़ पहली बार भारत लाई जा रही हैं. इस नस्ल की भेड़ का पालन खासतौर पर मीट के लिए ही किया जाता है. जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपने राज्य में मीट की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ एक समझौता किया है. डॉर्पर भेड़ वहां की मुख्य नस्ल है. ऑस्ट्रेलिया से जो डॉर्पर भेड़ लाई जाएंगी तो उनका इस्तेमाल ब्रीडिंग के लिए किया जाएगा.  

ऐसे करना होगा डॉर्पर भेड़ का मैनेजमेंट

जम्मू-कश्मीर समेत दक्षि‍ण भारत के कई राज्यों में भेड़ों का मीट बहुत पसंद किया जाता है. 
कश्मीर में भेड़ का मीट बाजार 45 फीसद डिमांड दूसरे राज्यों से भेड़ मंगाकर पूरी की जाती है. 
जम्मू-कश्मीर में भी भेड़ पालन होता है लेकिन भेड़ के मीट की डिमांड पूरी करने के लिए वो नाकाफी है. 
डॉर्पर भेड़ का वजन तेजी से बढ़ता है. इसलिए मेल और फीमेल भेड़ मंगाई जा रही हैं.
डॉर्पर भेड़ एक कठोर नस्ल की होती है, जो अपने मीट उत्पादन के लिए जानी जाती है. 
प्रजनन की मदद से भारत में डॉर्पर भेड़ की संख्या बढ़ाई जाएगी.

डॉर्पर भेड़ को कैसा पोषण चाहिए होता है 

डॉर्पर भेड़ को ऐसी खुराक चाहिए जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले चारे (घास) और पूरक अनाज शामिल हो. खासतौर पर शुष्क मौसम के दौरान डॉर्पर भेड़ को इस तरह की खुराक चाहिए होती है. 
डॉर्पर भेड़ों को पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए मिनरल्स की भी जरूरत होती है. 
अच्छी खुराक हेल्दी शरीर बनाए रखने, ग्रोथ, उच्च गुणवत्ता वाला मांस उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. पीने के पानी की बात करें तो डॉर्पर भेड़ों को हमेशा साफ, ताजा पानी चाहिए होता है. 

डॉर्पर भेड़ के लिए कैसा हो शेड, चारागाह प्रबंधन

डॉर्पर भेड़ें कठोर होती हैं फिर भी उन्हें चरम मौसम की स्थिति से सुरक्षा की जरूरत होती है. 
उन्हें बारिश, हवा और तेज धूप से बचाने के लिए अच्छे हवादार शेड की जरूरत होती है. 
चारागाह की बात करें तो रोटेशनल चराई को लागू करने से ओवर ईटिंग को रोका जा सकता है.
रोटेशनल चराई से यह तय किया जा सकता है कि चारागाह हरा-भरा और उत्पादक बना रहे. 

डॉर्पर भेड़ का कैसा हो हैल्थ मैनेजमेंट

बीमारी, परजीवियों, चोटों के लक्षणों के लिए नियमित रूप से भेड़ों की निगरानी करनी चाहिए. 
डॉर्पर भेड़ें रोग-प्रतिरोधी होती हैं, लेकिन पशु चिकित्सक के सुझाव पर कृमिनाशक-टीकाकरण जरूरी है.  डॉर्पर भेड़ में लंगड़ापन को रोकने के लिए उचित खुर की देखभाल बहुत जरूरी है.

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