भारत में पशुपालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है. भारत में गाय, भैंस और बकरियों की संख्या बहुत अधिक है. बकरियों की 20 से अधिक प्रजातियां हैं लेकिन इन प्रजातियों में मांस और दूध वाली प्रजातियों में अंतर करना मुश्किल है. कुछ प्रजातियों को दूध और मांस दोनों के लिए पाला जाता है, जिन्हें संकर नस्ल कहा जाता है.
बकरी भारत के प्रमुख पालतू पशुओं में से एक है जिसे खास तौर पर मांस, दूध, रेशे और त्वचा के लिए पाला जाता है. भारत के उत्तरी और दक्षिणी प्रांतों में बकरियों की अलग-अलग नस्लें पाई जाती हैं. उत्तर भारत में ज़्यादातर लोग बकरियों को सिर्फ़ मांस और रेशे के लिए पालते हैं, लेकिन बकरी से मिलने वाला दूध भी पोषक तत्वों का एक प्रमुख स्रोत है. इतना ही नहीं बकरी के दूध का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने में भी किया जाता है. किन बीमारियों को ठीक करने में इस्तेमाल होता है बकरी का दूध आइए जानते हैं.
अगर आप बकरी का ताजा दूध पीते हैं तो यह आपके शरीर में सूजन को कम करने में निश्चित रूप से मदद कर सकता है. जी हां, बकरी के दूध में मौजूद गुणों के अलावा एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो आपके शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. ध्यान रखें कि आपको ताजा दूध को सिर्फ 5 से 10 मिनट में ही पी लें.
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अगर आप चिंता और मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आपको दिन में एक बार बकरी का दूध पीने की सलाह दी जाती है. इस दूध में मौजूद गुण आपके शरीर में जाकर हैप्पी हॉरमोन रिलीज करते हैं, जिससे आपका मूड अच्छा होता है. इसलिए मानसिक समस्याओं में आप ताजा बकरी का दूध पी सकते हैं.
बकरी का दूध ऊपर बताए गए सभी गुणों से भरपूर होता है और इसमें मौजूद कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस मिलकर आपके शरीर में खून की कमी को दूर करने का काम करते हैं. बकरी का दूध पीने से आपके शरीर को आयरन को अवशोषित करने में मदद मिलती है. बकरी का दूध शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ाता है.
अगर आपको जोड़ों में दर्द रहता है तो आपको बकरी के दूध का सेवन जरूर करना चाहिए, इससे आपको इस तरह के दर्द में काफी राहत मिलती है. बकरी के दूध में मौजूद कैल्शियम आपके जोड़ों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है.