Goat Farming बेशक आज भी बकरी पालन मीट के लिए किया जाता है, लेकिन ये भी सच है कि अब बकरी के दूध की डिमांड बढ़ने लगी है. अगर दूध और मीट की बात करें तो घरेलू बाजार ही नहीं, विदेशों में भी दोनों की बहुत डिमांड है. खाड़ी देशों में तो जिंदा बकरे भी एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं. केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय खुद भी सोशल मीडिया पर बकरी पालन करने की सलाह दे रहा है. वहीं गोट एक्सपर्ट की मानें तो देशभर में कहीं भी बकरी पालन करना सस्ता और बहुत ही आसान है.
लेकिन इससे पहले ये जरूरी है कि साइंटीफिक तरीके बकरी पालन करने की ट्रेनिंग कर ली जाए. जिससे की बकरी के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के साथ उन्हें बीमारियों से बचाया जा सके. यही वजह है कि आज डेयरी और पोल्ट्री के मुकाबले बकरी पालन तेजी से बढ़ रहा है. आज गांव ही नहीं शहर में भी बकरी पालन बढ़ रहा है. सरकारी बकरी पालन ट्रेनिंग सेंटर में भी 8वीं पास से लेकर बीए, एमबीए, इंजीनियरिंग, पीएचडी आदि की डिग्री लेकर लोग कोर्स करने आ रहे हैं.
गोट एक्सपर्ट ने बताया सस्ता और आसान बकरी पालना
- बकरियों के लिए चारे का इंतजाम करने में परेशानी नहीं होती.
- बकरियां गाय-भैंस के मुकाबले सिर्फ 20 फीसद ही चारा खाती हैं.
- बकरी और इंसानों की खुराक में कोई समानता नहीं है.
- पोल्ट्री फीड में शामिल मक्का-सोयाबीन इंसान भी खाते हैं.
- सबसे ज्यादा मुनाफा बकरी के बच्चों से होता है.
- बकरी एक साल में दो बार बच्चे देती है.
- बकरी एक बार में दो से चार तकच बच्चे देती है.
- बकरियों को दूसरे पशुओं के मुकाबले कम बीमारी लगती हैं.
- बकरी का दूध आसानी से पचने और मेडिसिनल वैल्यू वाला होता है.
- बकरी के दूध से आने वाली अजीब सी स्मैल को कंट्रोल कर लिया गया है.
- बकरी की खाल उच्च गुणवत्ता वाली होती है.
- ब्लैक बंगाल बकरी की खाल दुनिया में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली होती है.
- बकरे का मीट बहुत स्वादिष्ट, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है.
- पहाड़ी इलाकों में पलने वाली बकरी के बाल की कीमत बहुत ज्यादा है.
- बकरी के मल-मूत्र में एनपीके की मात्रा ज्यादा होती है.
- बकरी के मल-मूत्र का इस्तेमाल मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने के लिए किया जाता है.
- बकरियों को रखने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है.
- बकरियां कम जगह में दूसरे पशुओं के साथ आराम से रह लेती हैं.
- अच्छी ग्रोथ के साथ बकरियों को छत पर भी पाला जा सकता है.
- बकरियों को खुले में चराने के लिए ले जाना कोई जरूरी नहीं है.
- बकरियों की ज्यादातर नस्ल स्टॉल फीड पर ही पल जाती हैं.
- पालने के लिए बकरियां गाय-भैंस के मुकाबले सस्ती होती हैं.
- बकरियों की 41 नस्ल हैं जो हर तरह के मौसम में पल जाती हैं.
- दूध-मीट और ब्रीडिंग के लिए बकरियां पालकर मुनाफा कमाया जा सकता है.
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