Goat Farming: बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार का अवसर, बकरी पालन पर सरकार दे रही 60 फीसद सब्सिडी

Goat Farming: बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार का अवसर, बकरी पालन पर सरकार दे रही 60 फीसद सब्सिडी

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. कांता प्रसाद ने बताया कि यह योजना तीन श्रेणियों में है. पहली योजना 20 बकरियों और एक बकरे के लिए है. दूसरी योजना 40 बकरियों और दो बकरों के लिए है. तीसरी योजना 100 बकरियों और 5 बकरों से शुरू होगी.

बकरी पालन के लिए सरकार दे रही अनुदानबकरी पालन के लिए सरकार दे रही अनुदान
मणि भूषण शर्मा
  • Bihar,
  • Feb 06, 2024,
  • Updated Feb 06, 2024, 7:30 PM IST

बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार के पशुपालन विभाग ने दो साल से बंद पड़ी समेकित बकरी विकास योजना को फिर से शुरू कर दिया है. इस वर्ष राज्य सरकार ने एक बार फिर गरीब परिवारों को बकरी पालन के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध कराने की पहल की है. इसका लाभ सभी वर्गों को मिलेगा. बकरी पालन के लिए सामान्य वर्ग में आने वाली जातियों को 50 प्रतिशत और एससी एसटी परिवारों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इस मद में 5 करोड़ 22 लाख 85 हजार रुपये का फंड तय किया है. उन्नत नस्ल के बकरे की औसत कीमत 15 हजार रुपये है. इसके लिए सामान्य वर्ग को 1 लाख 21 हजार रुपये और एससी, एसटी को 1 लाख 45 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा. 

इतने रुपये का मिलेगा अनुदान

प्रति बकरा 20 बकरियों की लागत 2 लाख 42 हजार रुपये है, जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 1 लाख 21 हजार रुपये और आरक्षित वर्ग के लिए 1 लाख 45 हजार रुपये का अनुदान है. 40 बकरियों की कीमत 5 लाख 32 हजार, दो बकरियों पर अनुदान 2 लाख 66 हजार. आरक्षित वर्ग के लिए 3 लाख 19 हजार है. प्रति सैकड़ा पांच बकरियों की कीमत 13 लाख चार हजार रुपये है. जिसमें सब्सिडी सामान्य वर्ग के लिए 6 लाख 52 हजार रुपये आरक्षित वर्ग के लिए 7 लाख 82 हजार है.

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तीन श्रेणियों में बांटी गई योजना

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. कांता प्रसाद ने बताया कि यह योजना तीन श्रेणियों में है. पहली योजना 20 बकरियों और एक बकरे के लिए है. दूसरी योजना 40 बकरियों और दो बकरों के लिए है. तीसरी योजना 100 बकरियों और 5 बकरों से शुरू होगी. जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत अनुदान है.

स्वरोजगार के लिए चला रही योजना 

पशुपालन विभाग ने बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए दो साल से बंद पड़ी एकीकृत बकरी विकास योजना को फिर से शुरू कर दिया है. इस वर्ष राज्य सरकार ने एक बार फिर बकरी पालन के माध्यम से गरीब परिवारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की पहल की है. इसका लाभ सभी वर्गों को मिलेगा. बकरी पालन के लिए सामान्य वर्ग में आने वाली जातियों को 50 प्रतिशत और एससी एसटी परिवारों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इस मद में 5 करोड़ 22 लाख 85 हजार रुपये का फंड रखा है.

समझें बकरी पालन का गणित

उन्नत नस्ल के बकरे की औसत कीमत 15 हजार रुपये है. इसके लिए सामान्य वर्ग को 1 लाख 21 हजार रुपये और एससी, एसटी को 1 लाख 45 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा. जिला पशुपालन पदाधिकारी कामता प्रसाद ने बताया कि यह योजना तीन प्रकार की है, पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर पहली योजना 20 बकरियों और एक बकरा के लिए है. दूसरी योजना 40 बकरियों और दो बकरों के लिए है, जबकि तीसरी योजना 100 बकरियों और पांच बकरों के साथ शुरू होगी.

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