Goat Farming: बारिश में बढ़ जाता है बकरियों की मौत का आंकड़ा, ये टिप्स अपनाकर बीमारी से बचाएं और ग्रोथ बढ़ाएं

Goat Farming: बारिश में बढ़ जाता है बकरियों की मौत का आंकड़ा, ये टिप्स अपनाकर बीमारी से बचाएं और ग्रोथ बढ़ाएं

डॉ. राजेन्द्र शर्मा ने आगे बताया कि बकरियों के पेट में अगर कीड़े होंगे तो उसके चलते बकरे और बकरियों की ग्रोथ नहीं हो पाएगी. पशुपालक जितना भी बकरे और बकरियों को खिलाएंगे वो उनके शरीर को नहीं लगेगा.

पेट में कीड़े की समस्या बकरे और बकरियों में बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है. (Photo-Kisan Tak)पेट में कीड़े की समस्या बकरे और बकरियों में बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है. (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jul 07, 2024,
  • Updated Jul 07, 2024, 12:09 PM IST

Goat Farming Tips: बकरी पालन का काम ग्रामीण क्षेत्रों में बीते कई दशक से चलते आ रहा है, लेकिन वर्तमान समय में बकरी पालन एक कारोबार के रूप में विकसित हो रहा है. बरसात का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. बरसात के दिनों में बहुत से रोग बकरियों को चपेट में ले लेते हैं. जिससे कई बार बकरियों की मौत भी हो जाती है. ऐसे में बकरियों के आहार को लेकर खास ख्याल रखने की जरूरत है. किसान तक से बातचीत में मेरठ जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि बकरियां बहुत नाजुक होती है. वहीं बारिश के मौसम में उन्हें विशेष ध्यान देने की जरुरत पड़ती है. ऐसे में अगर ध्यान नहीं दिया गया तो मौत भी हो सकती है.

बकरियों को बाड़े में रखकर कराना चाहिए फीडिंग

उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में बकरियों को बाड़े में रखकर फीडिंग करना चाहिए. अमरुद, नीम और मोरिंगा में टेनिन कांटेंट और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. बारिश के दिनों में तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां बकरियों को आहार में देते रहना चाहिए. ऐसा करने से पेट में कीड़े नहीं होंगे. पेट में कीड़े की समस्या बकरे और बकरियों में बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है.

मेरठ जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेन्द्र शर्मा

डॉ. राजेन्द्र शर्मा ने आगे बताया कि बकरियों के पेट में अगर कीड़े होंगे तो उसके चलते बकरे और बकरियों की ग्रोथ नहीं हो पाएगी. पशुपालक जितना भी बकरे और बकरियों को खिलाएंगे वो उनके शरीर को नहीं लगेगा. खासतौर पर जो लोग बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए.

सहजन की पत्तियां बेहद लाभकारी

वहीं, बकरियों को चारे में सहजन की पत्तियां देना चाहिए. सहजन की पत्तियों में प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. सहजन की पत्तियों को बकरियां आसानी से पचा भी लेती हैं. सहजन की पत्तियों से बकरियों के वजन में तेजी बढ़ोतरी होती है. डॉ. शर्मा के मुताबिक, बारिश के दिनों में आपको आमतौर पर नीम गिलोय दिख जाएगा. यह नीम के पेड़ पर ही पाया जाता है.

बरसात में पशुओं में तेजी से फैलता है रोग

शायद इसलिए इसे नीम गिलोय भी कहा जाता है. यह स्वाद में कड़वा होता है. अगर हम नीम गिलोय की पत्तियां बकरी के बच्चों को खिलाएं तो उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत आ जाएगी. इस कारण बकरियां जल्द बीमार भी नहीं होंगी. और बकरियों की मृत्य दर भी कम हो जाएगी. उन्होंने बताया कि पशुओं में रोग तेजी से फैलला है, जिससे पशुओं के उत्पादन एवं कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है. इस रोग की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान जारी है. बरसात से पहले भेड़ और बकरियों को 'PPR' का टीका जल्द से जल्द लगवा लेने चाहिए. जिससे वो बीमारियों की चपेट में आने से बच सकें. 

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