Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभि‍न पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स 

Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभि‍न पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स 

Milk Production पशुपालन में मुनाफा दो तरह से होता है. एक तो दूध बेचकर दूसरे गाय-भैंस से मिलने वाले बच्चे से. दूध का भरपूर उत्पादन हो और हर साल हेल्दी बच्चा मिलता रहे. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो ये कोई नामुमकिन काम नहीं है. लेकिन बस जरूरत है तो इस बात की कि पशु को उसकी जरूरत के हिसाब से खुराक देते रहें. जैसे दुधारू और गाभि‍न पशु की खुराक अलग-अलग हो.

Bihar Milk ProductionBihar Milk Production
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 30, 2025,
  • Updated May 30, 2025, 11:01 AM IST

Milk Production दुधारू पशु खरीदना एक बड़े जोखि‍म का काम है. पशु को पहचानने में जरा सी चूक हुई नहीं की हजारों रुपये की चपत लग जाती है. इसलिए पशु खरीदने से पहले दुधारू पशु की पहचान कैसे की जाए इसे जान लेना बहुत जरूरी है. वर्ना नए दुधारू पशु को खरीदकर घर लाने के बाद कितनी भी खुराक खि‍लाते रहो उसका दूध उत्पादन बढ़ता ही नहीं है. इसी तरह से अगर बाड़े में गाभि‍न पशु है तो उसे भी खास खुराक की जरूरत होती है. सभी तरह का चारा उसकी खुराक में शामिल होना चाहिए.

हालांकि हर एक पशुपालक अपने पशु को भरपूर खुराक देने की कोशि‍श करता है, लेकिन जरूरत इस बात की होती है कि कौनसा चारा कितना देना है ये जान लेना बहुत जरूरी होता है. अगर गाभि‍न पशु को खुराक अच्छी मिलती है तो इससे गाय-भैंस की हैल्थ अच्छी रहेगी और बच्चा देने के बाद दूध उत्पादन भी खूब होगा. इसके साथ ही गर्भावस्था में दी गई खुराक का असर बच्चे पर भी पड़ता है. बच्चा भी हेल्दी होगा तो बाड़े में पशुओं की संख्या भी बढ़ेगी.  

गाभि‍न पशु को हर रोज दें ये खुराक

बिहार पशुपालन विभाग ने सोशल मीडिया पर पशुपालकों को सलाह देते हुए कहा है कि गाभि‍न गाय हो या भैंस उसके लिए हर रोज हरा चारा 25 से 30 किलो, सूखा चारा चार से पांच किलो, खल एक किलो, नमक 30 ग्राम, मिनरल मिक्चर 50 ग्राम, संतुलित पशु आहार दो से तीन किलो खि‍लाना बहुत जरूरी है. वहीं पीने के लिए 75 से 80 लीटर पीने का साफ पानी भी होना चाहिए. 

दुधारू पशु खरीदते वक्त इन बातों का रखें ख्याल 

शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा हो. 
त्वचा पतली और चिकन के साथ ही पूंछ लम्बी हो.
आंखें उभरी और चमकदार के साथ ही पेट काफी विकसित हो. 
थन के चारों बाट एक समान लंबे और मोट हों. 
दूध निकालते वक्त दूध की धार सीधे गिरती हो.
दुहने के बाद थन सिकुड़ जाते हों. 
पशु एक या दो बार बच्चा दे चुका हो. 
पशु के टीकाकरण और बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी हो. 
दुधारू पशु का प्रजनन इतिहास बता हो. 

पशु की खुराक का ऐसे करें इंतजाम 

हरा चारा

नेपियर घास, ज्वार, मक्का, बरसीम आदि उगाया जा सकता है. 

सूखा चारा 

इसमे गेहूं-धान का भूसा, सूखी घास शामिल है जो लम्बे वक्त तक चलती है और सुराक्षित भी रहती है. 

मिश्रण

ये एक पौष्टि क मिश्रण है, इसमे अनाज, खली, नमकर, मिनरल आदि मिलाए जाते हैं. 

साइलो चारा 

इसमे हरे चारे को एक खास तकनीक अपनाकर टैंक, पोलीबैग में रखकर तैयार किया जाता है और ये लम्बे वक्त तक चलता है.  

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