Online Fish Sale: ONDC पर दाल-मसाले ही नहीं मछली भी बिक रही आनलाइन, जानें क्या हुआ फायदा 

Online Fish Sale: ONDC पर दाल-मसाले ही नहीं मछली भी बिक रही आनलाइन, जानें क्या हुआ फायदा 

Online Fish Sale लम्बे वक्त से मछली पालन करने वालों और मछली पकड़ने वाले मछुआरा समुदाय की शिकायत थी कि उन्हें उनके प्रोडक्ट का पूरा और अच्छा दाम नहीं मिल पाता है. वहीं मछली के खरीदारों की शिकायत थी कि बाजार में उन्हें ताजा मछली नहीं मिल पाती है. इसी को देखते हुए मछली उत्पादक और विक्रेताओं को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पर लाया जा रहा है. 

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Oct 01, 2025,
  • Updated Oct 01, 2025, 10:52 AM IST

Online Fish Sale मछली पालक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पर आनलाइन मछली बेच रहे हैं. मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ), सहकारी समितियों समेत खुदरा मछली बेचने वाले मछुआरे भी ONDC पर आ गए हैं. इसका बड़ा फायदा ये हो रहा है कि सीधे उपभोक्ता को मछली बेचने के चलते मछली पालकों को अच्छे दाम मिल रहे हैं. वहीं उपभोक्ता  को ताजा मछली मिल रही है. देश के 10 बड़े राज्यों के मछुआरे ONDC पर मछली बेच रहे हैं. केन्द्रीय मत्स्य मंत्रालय के सहयोग से ये योजना शुरू हुई है. 

केन्द्रीय मत्स्य मंत्रालय और ONDC के साथ मिलकर शुरू की गई इस योजना की मदद से मछली खाने के शौकीनों को अलग-अलग वैराइटी की ताजा मछली बाजार में खाने को मिलेगी. वहीं मछली का घरेलू बाजार भी बढ़ेगा. फिश सेक्टर में 2014-15 से 10.87 फीसद की दर से बढ़ोतरी हो रही है. ये बढ़ोतरी देशभर में फैले मछुआरों, 2000 से ज्यादा मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ), सहकारी समितियों के चलते हुई है. 

यहां खूब बिक रही है आनलाइन मछली 

मत्स्य पालन विभाग से जुड़े जानकारों की मानें तो मछली पालन से जुड़े करीब 35 एफएफपीओ ओएनडीसी के नेटवर्क पर शामिल हो चुके हैं. ये सभी 10 राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के हैं. मत्स्य पालन विभाग ओएनडीसी के साथ मिलकर मछली पालकों को एक डिजिटल प्लेटफार्म प्रदान करना चाहता है. वहीं पारंपरिक मछुआरों, मछली किसान उत्पादक संगठनों और मत्स्य पालन क्षेत्र के कारोबारियों को ई-मार्केट प्लेस की मदद से अपने प्रोडक्ट को खरीदने और बेचने के लिए जागरुक बनाना है. ओएनडीसी ई-मार्केटिंग का एक अनूठा मंच है जो मछुआरों, मछली किसानों, एफएफपीओ, स्वयं सहायता समूहों और अन्य मछुआरा सहकारी समितियों को जोड़कर मत्स्य पालन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

रेडी टू ईट और रेडी टू कुक को मिलेगा बढ़ावा 

विभाग का कहना है कि ओएनडीसी के साथ मिलकर मत्स्य पालन विभाग की कोशिशों के चलते इस पहल से मछली पालन से जुड़े वैल्यू  एडेड प्रोडक्ट को बढ़ावा देने में भी ये प्लेटफार्म सहायता देगा. रेडी टू ईट और रेडी टू कुक को बढ़ावा मिलेगा. घरेलू मछली की खपत बढ़ाने और मछली उत्पादों को खरीदने और बेचने के लिए सभी पारंपरिक मछुआरों, एफएफपीओ को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ने की डीओएफ की इस पहल से घरेलू मछली की खपत को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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