Goat Milk Powder: सर्दी-बरसात में बकरी के दूध का पाउडर बनाकर बेचा तो होगा खूब मुनाफा

Goat Milk Powder: सर्दी-बरसात में बकरी के दूध का पाउडर बनाकर बेचा तो होगा खूब मुनाफा

Goat Milk केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा ने बकरी के दूध से ज्यादा मुनाफा कमाने का रास्ता निकाला है. सीआईआरजी ने बकरी के दूध का पाउडर बनाने वाला प्लांट लगाया है. दूध से पाउडर कैसे बनाया जाए इसकी ट्रेनिंग भी सीआईआरजी देने की तैयारी कर रहा है. 

बकरी का दूध है पोषण का भंडारबकरी का दूध है पोषण का भंडार
नासि‍र हुसैन
  • Jul 02, 2025,
  • Updated Jul 02, 2025, 2:10 PM IST

Goat Milk बकरी का दूध सिर्फ दूध ही नहीं दवाई भी है. बावजूद इसके बकरी के दूध की डिमांड का कोई खास वक्त तय नहीं है. सालभर में कभी भी बकरी के दूध की डिमांड आने लगती है. और ऐसा खासतौर पर उस वक्त होता है जब देश में कहीं डेंगू, चिकनगुनिया या और दूसरी बीमारियां फैली हों. ऐसे में बकरी के दूध की डिमांड बढ़ने के साथ ही उसके दाम भी बढ़ जाते हैं. दाम बढ़ने की एक खास वजह ये भी है कि बकरी के दूध का उत्पादन कम होता है और डिमांड ज्यादा आती है तो रेट भी बढ़ने लगते हैं. गोट एक्सपर्ट का कहना है कि बरसात से लेकर सर्दियों तक में बकरी के दूध का उत्पादन कम हो जाता है.

जबकि डेंगू और कोरोना जैसी बीमारी में बकरी का दूध बहुत फायदेमंद है. इसलिए ऑफ सीजन में भी दूध की कमी न हो इसलिए दूध का पाउडर बनाकर बकरी पालन के साथ ही एक और कारोबार कर मुनाफा कमाया जा सकता है. दूध से पाउडर बनाने का प्लांट केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा में लगाया गया है. साथ ही तकनीक भी दी जा रही है. 

बकरी का दूध पीने का ये है बड़ा फायदा 

सीआईआरजी के डॉयरेक्टर डॉ. मनीष कुमार चेतली का कहना है कि डेंगू होने पर मरीज की प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगती हैं. ऐसे वक्त में डॉक्टर भी मरीज को बकरी का दूध पिलाने की सलाह देते हैं. क्योंकि बकरी का दूध पीने से प्लेटलेट्स काउंट तेजी से बढ़ने लगती हैं. जानकारों का कहना है कि बकरी का दूध शरीर में इम्यूनिटी भी बढ़ाता है. लेकिन असल परेशानी आती है बकरी का प्योर दूध मिलने की. कुछ लोग तो इसमे भी खेत करते हुए गाय का दूध मिला देते हैं.  

60 से 70 फीसद तक कम हो जाता है दूध 

गोट एक्सपर्ट बताते हैं कि बरसात से लेकर सर्दियों के मौसम तक बकरी के दूध उत्पादन में कमी आ जाती है. दूध उत्पादन करीब-करीब 60 से 70 फीसद तक घट जाता है. ऐसे वक्त में सबसे ज्यादा बकरी के दूध की कमी महसूस होने लगती है. इसी को देखते हुए बीते चार साल पहले सीआईआरजी ने बकरी के दूध से पाउडर बनाने पर काम शुरू किया था. तीन साल की रिसर्च के बाद साल 2024 में सीआईआरजी ने पुणे से 20 कीमत की मशीन मंगवाईं थी.

इस प्लांट को सीआईआरजी में लगाया गया है. प्लांट ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया है. ट्रॉयल के तौर पर सीआईआरजी अब तक करीब छह किलो पाउडर बना चुका है. सीआईआरजी के एक्सपर्ट बताते हैं कि एक लीटर बकरी के दूध में 150 ग्राम पाउडर बनता है. दूध से पाउडर बनाने की तकनीक को बाजार में लाने के लिए सीआईआरजी ने महाराष्ट्र की सामाजिक संस्था शिंदे फाउंडेशन के साथ एमओयू साइन किया है.

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