दूध दुहना यानी निकाला भी एक कला है. अगर दूध को सही तरीके से दुहा जाए तो दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. गाय और भैंस के थन की बनावट ऐसी होती है कि जब वह भर जाता है तब भी वह अपने आप दूध नहीं गिराता. ऐसे में अगर आपका डेयरी का बिजनेस है और आप गाय या भैंस से अधिक दूध उत्पादन चाहते हैं तो सही आहार के साथ-साथ आपको दूध दुहने का भी सही तरीका आना बहुत जरूरी है.
दूध दुहने का सही तरीका
- दूध दुहने का समय निश्चित करें और उसी समय गायों या भैंसों से दूध दुहें.
- जो गायें अधिक दूध देती हैं, उनसे तीन बार दूध दुहें.
- दूध दुहने से पहले गाय को सहलाकर शांत करें. गाय को पीटने या परेशान करने से दूध सूख जाता है.
- जितना कम समय में संभव हो गाय से दूध दुहें. अधिक समय लेने से दूध की नस सिकुड़ जाती है और दूध पूरी तरह नहीं निकल पाता.
- गाय से दूध दुहने वाले व्यक्ति को अपने नाखून छोटे-छोटे रखने चाहिए ताकि पशुओं को दूध निकलते समय परेशानी न हो.
- दूध दुहने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धो लें.
- दूध दुहते समय थन के बीच में अपनी उंगली न रखें. इससे स्तन में सूजन हो सकता है.
- दूध दुहने के बाद दूध की आखिरी बूंद भी हिलाकर निकाल दें.
- थन को पानी से धोकर साफ कपड़े से पोंछ लें.
- वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि अगर दूध दुहते समय शांत, सुंदर वातावरण और मधुर धीमी आवाज़ बनाई जाए तो दूध का उत्पादन बढ़ता है.
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दूध को कैसे करें स्टोर
- दूध को स्टोर करने और ले जाने के लिए एल्युमिनियम और स्टेनलेस स्टील के बर्तन अच्छे होते हैं. जंग लगे लोहे या टिन के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- दूध को हमेशा कपड़े से ढककर रखना चाहिए ताकि उसमें धूल या मक्खियां न पड़ें.
- दूध को सीधी धूप में नहीं रखना चाहिए वरना बैक्टीरिया की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ती है, जिससे दूध खराब होने लगता है.
- यदि दूध को ठंडा करने की व्यवस्था है तो दूध दुहने के तुरंत बाद उसे ठंडा कर लेना चाहिए.
- दूध के खाली बर्तनों को तुरंत साफ पानी से धोकर जीवाणुरहित कर लेना चाहिए.