Drone: केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने देखी ड्रोन से मछलियों की सप्लाई, बोले ये बड़ा परिवर्तनकारी कदम

Drone: केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने देखी ड्रोन से मछलियों की सप्लाई, बोले ये बड़ा परिवर्तनकारी कदम

केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने खासतौर से आपदाओं के दौरान जलीय कृषि फार्मों और मछली पालन के बुनियादी ढांचे की निगरानी में ड्रोन तकनीक की भूमिका पर प्रकाश डाला. साथ ही 364 करोड़ के निवेश से सटीक समय की ट्रैकिंग, मौसम की चेतावनी और संचार के लिए एक लाख मछली पकड़ने वाले जहाजों को ट्रांसपोंडर से लैस करने की योजना के बारे में भी बताया. 

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Nov 10, 2024,
  • Updated Nov 10, 2024, 11:57 AM IST

घरेलू बाजार की डिमांड पूरी करने और सीफूड एक्सपोर्ट में जान फूंकने के लिए मछली पालन और पकड़ने के काम में एक क्रांतिकारी पहल शुरू हो गई है. वक्त रहते ताजा मछलियां कम खर्च में बाजार तक पहुंच जाएं इसके लिए ड्रोन का ट्रॉयल शुरू हो गया है. इतना ही क्वालिटी का सीफूड एक्सपोर्ट हो सके इसके लिए भी समुद्र में ड्रोन भेजने की तैयारी हो रही है. इसी के चलते हाल ही में मत्स्य पालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई), कोच्चि, केरल में एक वर्कशॉप का आयोजन किया था. 

ये वर्कशॉप मछली पालन और एक्वाकल्चर में ड्रोन तकनीक के इसतेमाल पर आयोजित की गई थी. इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने देखी ड्रोन से मछलियों की सप्लाई और दूसरे काम भी देखे. इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत सरकार मछली पालन सेक्टर में परिवर्तन लाने और देश में नीली क्रांति के माध्यम से आर्थिक सुधार और विकास में हमेशा सबसे आगे रही है. बीते 10 साल में सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 38.6 हजार करोड़ रुपये के निवेश किया है.  

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मंत्री ने बताया क्या-क्या काम करेगा ड्रोन 

राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने बताया कि मछली पालन से लेकर समुद्र में मछली पकड़ने में ड्रोन का कहां-कहां और क्या इस्तेमाल हो सकता है इसका पता लगाया जा रहा है. लेकिन कुछ काम ऐसे हैं जिसके लिए ड्रोन का ट्रॉयल शुरू हो गया है. ड्रोन का इस्तेमाल होने से पानी का नमूना, बीमारियों की पहचान और मछली फीड मैनेजमेंट जैसे काम में परिवर्तन आएगा. ड्रोन पानी के अंदर मछलियों के व्यवहार और आने वाली परेशानियों के संकेतों की भी निगरानी कर सकते हैं. इतना ही नहीं मछलियों की मार्केटिंग में भी अहम रोल निभाएगा. मछली पकड़ने और स्टॉक मूल्यांकन जैसे काम भी ड्रोन से हो सकेंगे. साथ ही किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का आकलन करने के साथ बचाव और राहत के काम में भी मददगार साबित होगा. सबसे बड़ी बात ये है कि सेटेलाइट आधारित ड्रोन से मछली परिवहन, निगरानी और पर्यावरण निगरानी का काम भी लिया जाएगा.  

मछुआरों के 100 गांवों का हो रहा कायाकल्प

जॉर्ज कुरियन ने मछली पालन विभाग द्वारा की गई पहलों और बीते 10 सालों में रणनीतिक निवेश और प्रगतिशील नीतियों के विकास पर रोशनी डाली. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत कोस्टल एरिया में आने वाले मछुआरों के 100 गांवों के विकास की घोषणा की. योजना के तहत इन गांवों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए हर एक गांव को दो करोड़ आवंटित किए गए. इस पहल का उद्देश्य मछली सुखाने के यार्ड, प्रोसेसिंग केंद्र और आपातकालीन बचाव सुविधाओं जैसी सुविधाएं प्रदान करके जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सुधार कार्य किए जाएंगे. इतना ही नहीं समुद्री शैवाल (सीवीड) की खेती और हरित ईंधन पहल जैसी योजनाओं का समर्थन किया जा रहा है. 

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