Dog Hip Transplant: कुत्तों को लगा देसी आर्टिफिशियल कूल्हा, पहले विदेशों से होता था इम्पोर्ट

Dog Hip Transplant: कुत्तों को लगा देसी आर्टिफिशियल कूल्हा, पहले विदेशों से होता था इम्पोर्ट

Hip Transplant in IVRI हिप ट्रांसप्लांट करने वाली भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली डॉक्टरों की टीम का कहना है कि पहले आर्टिफिशियल हिप विदेश से मंगाया जाता था. हिप और उससे जुड़े दूसरे उपकरण पर लाखों रुपये का खर्च आता था. लेकिन अब हिप और उससे जुड़े उपकरण भी आईवीआरआई ने देश में ही तैयार कराए हैं.

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jun 09, 2025,
  • Updated Jun 09, 2025, 11:20 AM IST

Hip Transplant in IVRI इंसानों की तरह से कुत्तों में भी कूल्हा (हिप) टूटना या फ्रैक्चर होना आम बात है. कुत्तों के लिए भी ये उतनी बड़ी परेशानी थी जितनी इंसानों में. एक बार कूल्हा टूटने पर कुत्ते घि‍सट-घि‍सट कर चलते थे. उनकी जिंदगी नरक जैसी हो जाती थी. ऐसे कुत्तों को आपने भी सड़क या गली-मोहल्ले में घि‍सटते हुए देखा होगा. लेकिन हिप टूटने या फ्रैक्चर होने पर अब कुत्तों को जमीन पर नहीं घि‍सटना पड़ेगा. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली ने इस मामले में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है.

IVRI की टीम की बदौलत अब देश में ही स्वदेशी तकनीक से कुत्तों में आर्टिफिशियल हिप ट्रांसप्लांट (कूल्हा प्रत्यारोपण) किया जा सकेगा. तीन कुत्तों में इसे अंजाम भी दिया जा चुका है. और अच्छी बात ये है कि हिप ट्रांसप्लांट के बाद तीनों कुत्ते पहले की तरह से अपनी जिंदगी जी रहे हैं. और ये तीनों ही कुत्ते यूपी और उत्तराखंड पुलिस के हैं. 

IVRI को मिली आर्टिफिशियल हिप में पहली कामयाबी 

आईवीआरआई से जुड़े जानकारों की मानें तो आर्टिफिशियल हिप तैयार करने और ट्रांसप्लांट करने की तकनीक को देश में ही तैयार किया गया है. अभी तक कुत्तों के लिए आर्टिफिशियल हिप भारत में उपलब्ध नहीं था. यदि किसी कुत्ते को आर्टिफिशियल हिप की जरूरत होती थी, तो उसे केवल विदेश से ही मंगवाया जाता था, जिसका खर्च पांच लाख रुपये तक आता था. लेकिन आईवीआरआई के साइंटिस्ट ने आर्टिफिशियल हिप तीन साल के छोटे से वक्त में बनाकर तैयार कर लिए. डॉ. रोहित ने बताया कि आर्टिफिशियल हिप ट्रांसप्लांट की पहली सर्जरी देहरादून के, दूसरी बरेली के तथा तीसरी संभल पुलिस के कुत्तों में सफल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया गया है. तैयार किया गया कूल्हा काफी सस्ता है और देश के कुत्ता मालिक को इसका फायदा दिया जाएगा. 

ऐसे बनाया गया आर्टिफिशियल हिप

डॉ. रोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन साल इस पर रिसर्च की गई. जिसके चलते भारतीय कुत्तों के मुताबिक सीमेंटेड पद्धति का कूल्हा और उससे जुड़े उपकरणों को तैयार किया गया. हमाने इस रिसर्च में शहर के प्रसिद्ध ह्यूमन ऑर्थो सर्जन डॉ. आलोक सिंह की मदद से कई बारीकियों को सीखा. डॉ. आलोक सिंह और बरेली मेडिकेयर फर्म के योगेश सक्सेना और देवेश सक्सेना की तकनीकी सहायता से गुजरात की लाइफ ऑर्थो केयर कंपनी से कुत्तों के लिए आर्टिफिशियल कूल्हा और उसमें उपयोग होने वाले उपकरणों को तैयार कराया गया. तकनीकी डिजाइन और साइज तय करने का काम डॉ. टी साई कुमार एमवीएससी शोध कार्य और डॉ. कमलेश कुमार टी एस ने पीएचडी शोध कार्य किया. आईवीआरआई के डॉयरेक्टर डॉ त्रिवेणी दत्त ने पूरी टीम के साथ सभी बाहरी लोगों को बधाई दी है. 

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