Dairy Plan and War: लड़ाई के दौरान देश में नहीं होगी दूध-मक्खन की कमी, ये है डेयरी का प्लान

Dairy Plan and War: लड़ाई के दौरान देश में नहीं होगी दूध-मक्खन की कमी, ये है डेयरी का प्लान

डेयरी कोऑपरेटिव, डेयरी कंपनी और डेयरी एसोसियशन ने दावा किया है कि हर हालात से निपटने के लिए देश में दूध-मक्खन की कोई कमी नहीं है. शहरों में बच्चों और बुर्जुगों के लिए तो मोर्चों पर सेना के लिए भी दूध-मक्खन की कोई कमी नहीं है. सरकार जब कहेगी हम जरूरत के हिसाब से डिमांड पूरी कर देंगे. 

Milk PlantMilk Plant
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 09, 2025,
  • Updated May 09, 2025, 12:36 PM IST

लड़ाई छोटी हो या बड़ी उसका असर देश की बहुत सारी सुविधाओं और कारोबार पर पड़ता है. क्योंकि लड़ाई के दौरान बिजली व्यवस्था और ट्रांसपोर्टशन पर बड़ा असर पड़ता है. और जब बिजली व्यवस्था और ट्रांसपोर्टशन प्रभावित होता है तो शहरों में दूध-मक्खन के प्रोडक्शन और सप्लाई पर भी असर पड़ता है. शहरों में दूध की कमी होने लगती है. खासतौर पर बच्चों और बुर्जुगों  को हर रोज दूध की जरूरत होती है. इस परेशानी से बचने के लिए डेयरी ने इमरजेंसी प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है.

केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय समेत नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) डेयरियों संग मौजूदा हालात को लेकर बैठक कर चुके हैं. तैयारियों को लेकर चर्चा भी हो गई है. हरियाणा की वीटा डेयरी ने प्लान पर काम करना भी शुरू कर दिया है. वीटा के सीईओ संग हुई किसान तक की बातचीत में ये प्लान सामने आया है. प्लान के मुताबिक लड़ाई के दौरान देश में दूध और मक्खन की कोई कमी नहीं होने वाली है.   

जंग के बीच ये है डेयरी की तैयारी

वीटा डेयरी, रोहतक के सीईओ चरन सिंह ने किसान तक को बताया कि हमने अपने सभी सेंटर पर मिल्क पाउडर की सप्लाई कर दी है. हर एक सेंटर पर तीन से चार टन मिल्क पाउडर रखा गया है. ये पाउडर आम शहरियों खासतौर से बच्चों और बुर्जुगों के काम आएगा. वहीं मक्खन की भी हमारे पास कोई कमी नहीं है. शहर और फौज के लिए जितना मांगा जाएगा हम सप्लाई करने को तैयार हैं. सरकार जब, जहां दूध-मक्खन पहुंचाने के लिए कहेगी हम सप्लाई दे देंगे. देश में इस वक्त 70 हजार टन मक्खन मौजूद है. इमरजेंसी के लिए 80 हजार टन की जरूरत होती है. जब सरकार बोल देगी तब 10 हजार टन का प्रोडक्शन और कर लिया जाएगा. मिल्क पाउडर 1.5 लाख टन चाहिए होता है तो देश में इस वक्त 2.5 लाख टन है. 

क्या बोले डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट

वहीं अमूल के पूर्व एमडी और इंडियर डेयरी एसोसिएशन के लिए प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी ने किसान तक को बताया कि डेयरी के मामले में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है. हर चीज हमारे पास मौजूद है. और अभी तो हालात ऐसे हैं कि लोकल लेवल की डिमांड को लोकल लेवल पर ही पूरा कर दिया जाएगा. मिल्क पाउडर की बात करें तो हमारे पास 2.5 लाख टन का स्टॉक है. 

जंग के हालात में ऐसे काम करेंगी डेयरियां 

सीईओ चरन सिंह ने बताया कि जंग की तैयारी और हालात को देखते हुए डेयरियों के काम करने का समय बदल जाता है. सुबह की पहली किरन के साथ डेयरी कंपनी पशुपालकों से दूध का कलेक्शन शुरू कर देती हैं. जल्दी-जल्दी दूध खरीदकर कलेक्शन सेंटर और चिलर प्लांट पर जमा कर लिया जाता है. फिर डेयरी प्लांट पर पैकिंग कर उसे सूरज छिपने से पहले शहरों में सप्लाई के लिए भेज दिया जाता है.

ये भी पढ़ें- Animal Care: मई से सितम्बर तक गाय-भैंस के बाड़े में जरूर करें ये खास 15 काम, नहीं होंगी बीमार  

ये भी पढ़ें-Artificial Insemination: अप्रैल से जून तक हीट में आएंगी बकरियां, 25 रुपये में ऐसे पाएं मनपसंद बच्चा

 

MORE NEWS

Read more!