एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि नई उम्र का बढ़ता हुआ पशु हो या फिर दूध और बच्चा देने वाला पशु, उसे कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. और सभी तरह के पशु इस जरूरत को चारे, मिनरल और दाने से करते हैं. लेकिन जरूरत के मुताबिक पशु अपनी खुराक तभी लेता है जब उसका पेट सही हो. अगर पेट जरा सा भी खराब है तो पशु खाना-पीना छोड़ देता है. और इसका सबसे ज्यादा असर पशु के उत्पादन पर पड़ता है. पशु के पेट खराब होने की भी कई वजह होती हैं.
और खास बात ये है कि सभी वजह भी पशु के खानपान से ही जुड़ी हुई हैं. दूध उत्पादन और पशु की ग्रोथ बढ़ाने के लिए ये बहुत जरूरी है कि पशु की पाचन क्रिया यानि उसका पेट सही रहे. क्योंकि पशु जरूरी तत्व जैसे वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण एवं विटामिन की जरूरत तभी पूरी कर पाएगा जब उसका पेट सही होगा. पशुओं की इस परेशानी को अफरा भी कहा जाता है.
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशु का पेट खराब यानि अफरा होने पर पशु के बाई और की साइड का पेट फूल जाता है. पेट का आकार बढ़ा हुआ दिखाई देता है. रूमन का गैसों से अधिक फूल जाने के कारण डायफ्राम पर दबाव पड़ता है. पशु को सांस लेने में दिक्कत होती है. पशु मुंह खोलकर जीभ बाहर निकालकर सांस लेता है. पशु बैचेन और सुस्त दिखाई देता है. बार-बार थोड़ा-थोड़ा गोबर-पेशाब करता है. सही समय पर उपचार नहीं किया जाए तो पशु की मौत भी हो सकती है.
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