Cow Milk Plant: इस शहर में शुरू हो रहा है काऊ मिल्क प्लांट, NDDB ने ली जिम्मेदारी, पढ़ें डिटेल 

Cow Milk Plant: इस शहर में शुरू हो रहा है काऊ मिल्क प्लांट, NDDB ने ली जिम्मेदारी, पढ़ें डिटेल 

Cow Milk Plant चार साल में देखते ही देखते 141 करोड़ की लागत वाले प्लांट पर 140 रुपये की कीमत वाला ताला लग गया. लेकिन अब साल 2026 में इस प्लांट का ताला खुल सकता है. नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) इस प्लांट को 10 साल के लिए यूपी सरकार से लीज पर लिया है. प्लांट के अंदर विदेशों से मंगाई गईं करोड़ रुपये की कीमत वाली मशीनें भी हैं. 

Supreme Court rejects plea seeking exclusive use of indigenous cow milk at Tirupati temple, suggests petitioner approach High CourtSupreme Court rejects plea seeking exclusive use of indigenous cow milk at Tirupati temple, suggests petitioner approach High Court
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 19, 2025,
  • Updated Dec 19, 2025, 3:20 PM IST

एक लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग की क्षमता वाला काऊ मिल्क प्लांट शुरू होने जा रहा है. यूपी के कन्नौज शहर में इसे शुरू करने के लिए तैयारियां हो रही हैं. इस प्लांट को शुरू करने की जिम्मेदारी नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) ने ली है. प्लांट की लागत करीब 141 करोड़ रुपये है. यहां विदेशों से मंगाई गईं मशीनें लगाई गई हैं. यूपी सरकार ने कन्नौज के ग्रामीण इलाके में इस काऊ मिल्क प्लांट को बनाकर तैयार किया था. चार साल पहले इस प्लांट की शुरुआत की गई थी. 

लेकिन शुरू होने के चार साल बाद ही इस प्लांट पर ताला लग गया. उसी के बाद से ही ये प्लांट बंद पड़ा है. यहां तक की प्लांट के अंदर लगी विदेशों से मंगाई गईं मशीनें भी बंद पड़ी हैं. मशीनों समेत इस पूरे प्लांट को एनडीडीबी ने यूपी सरकार से लीज पर लिया है. कन्नौज से सटे आधा दर्जन से ज्यादा शहरों के पशुपालक इंतजार में हैं कि कब प्लांट चालू होगा और दूध की खरीद शुरू होगी. 

प्लांट में एक लाख लीटर दूध होगा प्रोसेस

यूपी डेयरी और पशुपालन विभाग से जुड़े जानकारों की मानें तो साल 2015 में काऊ मिल्क प्लांट का निर्माण शुरू हुआ था. उस वक्त इस प्लांट पर 141 करोड़ रुपये की लागत आई थी. प्लांट के लिए जर्मनी और फ्रांस से मशीनें भी मंगाई गईं थी. इसमे दूध को ठंडा करने वाले चिलर और मशीनों की सफाई करने वाली फिल्टर मशीन भी शामिल है. लेकिन साल 2018 में ये प्लांट शुरू हुआ था और सिर्फ 2022 तक ही चल सका. जानकारों की मानें तो बजट के अभाव में प्लांट इस हाल में पहुंचा है. 

प्लांट में इन शहरों से आएगा दूध 

प्लांट में काम कर चुके लोगों की मानें तो यहां आगरा, मथुरा, कन्नौज, फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, अलीगढ़, बुलंदशहर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरेया, बरेली, मैनपुरी, हमीरपुर, हरदोई, शाहजहांपुर, बाराबंकी और फर्रखाबाद से दूध आता था. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि ये दायरा और बढ़ेगा. 

पैसे की कमी से प्लांट पर लगा था ताला 

जानकारों का कहना है कि इस प्लांट पर 52 लोग अलग-अलग शि‍फ्ट में काम करते थे. इसमे अधि‍कारियों से लेकर टेक्निकल कर्मचारी, मजदूर और सुरक्षा गार्ड भी शामिल थे. लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया कि जब स्टाफ को वेतन देना भी मुश्किदल हो गया. प्लांट के दूसरे काम भी बजट के अभाव में लटकने लगे. एक-दो नहीं कई-कई बार यूपी सरकार को बजट के लिए पत्र लिखा गया. वजह जो भी रही हो, लेकिन प्लांट को बजट नहीं मिल पाया और मशीनें बंद होने के साथ ही गेट पर ताला लटक गया. 

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