Poultry Chicks: पोल्ट्री फार्मर बचेगा तो कंपनियां चलेंगी, ये कहते हुए 4 महीने के लिए फिक्स कर दिए रेट

Poultry Chicks: पोल्ट्री फार्मर बचेगा तो कंपनियां चलेंगी, ये कहते हुए 4 महीने के लिए फिक्स कर दिए रेट

Poultry Chicks Rate पहली बार कंपनियों ने पोल्ट्री फार्मर के लिए उठाया बड़ा कदम उठाया है. चिकन के लिए मुर्गा पालने वालों को मुनाफा हो इसके लिए ये फैसला लिया गया है. चार महीने के लिए चूजे के रेट फिक्स कर दिए गए हैं. क्योंकि बीते दो साल से पोल्ट्री फार्मर नुकसान में जा रहे हैं. बाजार में डिमांड-सप्लाई और त्यौहार के चलते चिकन की बिक्री कम होते ही नुकसान होने लगता है. 

पोल्ट्री चिक्स रेट पर फैसला लेने वाले एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मोहित मलिक.पोल्ट्री चिक्स रेट पर फैसला लेने वाले एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मोहित मलिक.
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 22, 2025,
  • Updated Sep 22, 2025, 11:33 AM IST

Poultry Chicks Rate चिकन के लिए पाले जाने वाला ब्रायलर मुर्गे का बाजार हमेशा जोखि‍म से भरा रहता है. कभी डिमांड-सप्लाई में खास फर्क होने के चलते रेट अर्श से फर्श पर आ जाते हैं तो कभी त्यौहार और खास दिवस के चलते मुर्गों की बिक्री न के बराबर रह जाती है. ऐसे में हर तरफ से नुकसान पोल्ट्री फार्मर को ही उठाना पड़ता है. जब‍ त्यौहारों पर बिक्री कम हो जाती है तो मुर्गों को मजबूरी में 35-40 दिन से भी ज्यादा रोककर रखना पड़ता है. इससे लागत बढ़ने लगती है. जिसके चलते बहुत सारे लोगों ने ब्रायलर मुर्गों की पोल्ट्री फार्मिंग छोड़ दी है. 

ऐसे मौके पर चूजे (चिक्स) बेचने वाली कंपनियों ने आगे आकर पोल्ट्री फार्मर को बचाने की कोशि‍श शुरू की है. चूजे बेचने वाली कंपनियों की एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला लिया है. हालांकि रेट फिक्स करने का ये फैसला अभी सिर्फ चार महीने के लिए लिया गया है, लेकिन अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. 

क्या कहते हैं BBA नॉर्थ के प्रेसिडेंट 

ब्रायलर ब्रीडर एसोसिएशन नॉर्थ के प्रेसिडेंट मोहित मलिक ने किसान तक को बताया कि पोल्ट्री सेक्टर में कंपनी चूजे बेचने वाली हो या फिर कोई और, सब पोल्ट्री फार्मर से ही चलती हैं. जब हमारे फार्मर खुश नहीं होंगे, उन्हें मुनाफा नहीं मिलेगा तो फिर इस सेक्टर को कौन चलाएगा. अगर फार्मर परेशान रहेगा तो पोल्ट्री सेक्टर आगे बढ़ने की जगह पीछे लौटने लगेगा. इसी को देखते हुए हमारी एसोसिएशन ने ये फैसला लिया है कि हम फार्मर को चूजों में राहत देंगे. चूजों के रेट में बहुत उतार-चढ़ाव होता रहता है. इसलिए आज के बाजार को देखते हुए आने वाले चार महीने के लिए चूजे के रेट फिक्स कर दिए गए हैं. 

35 रुपये से ज्यादा नहीं बिकेगा चूजा

मोहित मलिक का कहना है कि सभी ने मिलकर ये फैसला लिया है कि दिसम्बर 2025 तक ब्रायलर ब्रीडर एसोसिएशन नॉर्थ से जुड़ी सभी छोटी-बड़ी कंपनियां 35 रुपये का चूजा पोल्ट्री फार्मर को बेचेंगी. इससे ज्यादा रेट लेने वालों पर पेनल्ट्री लगाई जाएगी. ऐसा करने से होगा ये कि चूजा बेचने वाले को भी चार-पांच रुपये मिल जाएंगे और चूजा पालने वाला किसान भी कुछ मुनाफा कमा सकेगा. हम चाहते हैं कि ऐसा न हो कि चूजा बेचने वाले को 10 रुपये मिल जाएं और फार्मर बेचारा बाजार के उतार-चढ़ाव के चलते घाटे में चला जाए. फार्मर के बारे में सोचने और उसे बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है. 

आगे भी बढ़ाया जा सकता है ये फैसला

मोहित मलिक ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक बाजार की उठा पटक के चलते हो ये रहा था कि चूजा बेचने वाले कभी तो 40-45 रुपये तक का चूजा बेच रहे थे. वहीं कभी ऐसा भी हो रहा था कि 10 रुपये में भी चूजा लेने वाला नहीं था. वहीं इसका असर पोल्ट्री फार्मर पर भी पड़ता है. इसीलिए दिसम्बर तक इस फैसले का असर देख रहे हैं, अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो दोबारा से एसोसिएशन के साथ मिल बैठकर इस फैसले को आगे बढ़ाने पर बात कर सकते हैं.  

ये भी पढ़ें-Water Usage: अंडा-दूध, मीट उत्पादन पर खर्च होने वाले पानी ने बढ़ाई परेशानी, जानें कितना होता है खर्च

ये भी पढ़ें-Egg Export: अमेरिका ने भारतीय अंडों पर उठाए गंभीर सवाल, कहा-इंसानों के खाने लायक नहीं...

MORE NEWS

Read more!