एनिमल बिजनेस का प्लान कर रहे हैं तो बकरी पालन करना अच्छा विकल्प हो सकता है. बकरी पालकर आप दूध और मीट दो तरह से कमाई कर सकते हैं. सरकार की ओर से भी बकरी पालने पर सब्सिडी या लोन देने की कई योजनाएं चलाई जाती हैं. पिछले कुछ सालों में कई लोग बकरी पालन ले जुड़कर अमीर बने हैं. आप भी बकरी पालन करने वाले लोगों हैं और उससे अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा.
बकरी पालन के लिए सही जगह का चयन करना बहुत जरूरी होता है. जगह ऐसी होनी चाहिए जिसके आस-पास किसी तरह की गंदगी या गंदा पानी नहीं जमा होना चाहिए, नहीं तो मच्छर-मक्खी का खतरा बना रहता है. अगर शेड की मिट्टी खराब है तो वहां की मिट्टी भी बदल दीजिए. शेड के पास धूप आनी जरूरी है अगर धूप नहीं आएगी तो बकरियों में चंचलता नहीं होगी. शेड बनाने के अलावा खाली मैदान भी होना चाहिए ताकि बकरियों को बाहर घुमाने और चराने ले जाया जा सके.
बकरियों का शेड साफ-सुथरा और मजबूत होना चाहिए. उनके शेड में किसी तरह का पानी नहीं जमा होना चाहिए. गंदगी होने पर तुरंत सफाई करने के लिए आदमी होना जरूरी है. पशुओं के शेड में हवा और प्रकाश के लिए दो तरफ खिड़की होना जरूरी है. इसके अलावा 24 घंटे साफ और ताजे पानी की व्यवस्था भी होनी चाहिए. बीमार या संक्रमित बकरियों को अलग बांधने के लिए शेड से अलग एक अलग शेड होना जरूरी है.
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बकरी पालन के साथ सबसे जरूरी काम है सही नस्ल का चयन करना. मैदानी इलाकों के लिए बीटल, बरबरी, जमुनापारी और सिरोही नस्ल अच्छी मानी जाती हैं. इन बकरियों की खासियत ये है कि इन्हें सीमित संसाधनों में पाला जा सकता है. ये बकरियां एक बार में 4-4 बच्चे पैदा कर सकती हैं जिसके कारण आपके बाड़े में बकरियों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है.
बकरियों की अच्छी ग्रोथ के लिए खान-पान और रखरखाव में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. आपको बता दें कि इनकों साफ-सुथरे स्थान में रखना चाहिए. बकरियों को हमेशा बांध कर नहीं रखना चाहिए इससे उनकी चंचलता कम होती है और वे बीमार पड़ सकती हैं. समय-समय पर बकरियों की जांच करते रहें और जरूरी टीकाकरण कराएं. खान पान की बात करें तो इन्हें हरा चारा, सूखा चारा, भूसा, दाना, चूनी, चोकर खिलाएं इसके अलावा नीम और गिलोय की पत्तियां भी खिलाएं इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और पशुपालकों को फायदा होगा.