पटना की एक गौशाला जहां गाय को सुनाया जाता है भजन, बैल करते हैं तेल निकालने का काम

पटना की एक गौशाला जहां गाय को सुनाया जाता है भजन, बैल करते हैं तेल निकालने का काम

बिहार के पटना जिले के रहने वाले विनोद कुमार सिंह की गौशाला में 500 के आस-पास गिर नस्ल की गायें हैं. इन गायों को रोज सुबह-शाम भजन सुनाया जाता है. भजन सुनकर गायें झूम उठती हैं. इसके अलावा इन गायों से मिलने वाले दूध को बेचा नहीं जाता है.

पटना का एक गौशाला जहां गाय को सुनाया जाता है भजनपटना का एक गौशाला जहां गाय को सुनाया जाता है भजन
क‍िसान तक
  • Patna,
  • Aug 03, 2023,
  • Updated Aug 03, 2023, 5:01 PM IST

मन में हो चाह तो मनुष्य के लिए कोई भी कार्य आसान हो जाता है. ऐसा ही कुछ करके दिखाया है पटना के रहने वाले विनोद कुमार सिंह ने जो देश में विलुप्त हो रही देसी गाय और उनके बछड़े को बचाने की मुहिम छेड़ी है और गौ सेवा भाव से देसी गाय पालन और उनके बछड़े को बचाने का संकल्प लेते हुए एक गौशाला की शुरुआत की है. दूसरे को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं. इनकी गौशाला का खासियत है कि यहां रहने वाली नंदिनी सहित लगभग 500 देसी गाय और उनके बछड़े को उनके नाम से पुकारा जाता है उन्हें सुबह शाम भगवान का भजन भी सुनाया जाता है.

गौशाला के मालिक इसे दूध व्यवसाय के लिए नहीं बल्कि गौ सेवा के भावनाओं से इस कार्य को किया गया है. बिहार के पटना जिले से करीब 20 किलोमीटर दूरी पर बसा बिहटा प्रखंड के विष्णुपुरा गांव में विनोद कुमार सिंह ने ये गौशाला गौ पालन की सेवा के भाव से शुरू किया है.

भजन सुन विभोर हुई गाय को दुलार करते गौपालक

वे देसी गाय में गिर नस्ल की गाय का पालन कर रहे हैं. विनोद कुमार सिंह कहते है कि गाय पालन को व्यवसाय के तौर पर देखने की जगह सेवा की भाव से उसका पालन किया जाना चाहिए जिसको देखते हुए उन्होंने गौशाला खोला है.

गौशाला में 500 है गिर नस्ल की गाय

इस गौशाला में करीब 500 के आसपास गिर नस्ल की गाय हैं, जहां सभी को अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है. वहीं गायों को सुबह शाम भक्ति गाना भी सुनाया जाता है. गौपालक विनोद कुमार सिंह कहते हैं कि वे गाय के दूध को बेचते नहीं हैं बल्कि सेवा में इसका इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही वे नंदी बैल के मदद से कोल्हू से तेल निकालने में उपयोग करते हैं और गौमाता से निकाला गया हर उत्पाद जैसे दूध, घी, तेल को नहीं बेचा जाता है बल्कि जो लोग गौपालन में सेवा भाव से सदस्य बने हैं उन्हीं को दूध दही और नंदी बैल से निकाला गया तेल उपलब्ध कराया जाता है.

नंदी बैल के मदद से कोल्हू से निकाला जाता है तेल

बिहार के हर घर में होनी चाहिए देसी गाय

गौ पालक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 20 से 25 साल साल पीछे अगर आप जाएं तो सभी के दरवाजे पर देसी गाय हुआ करती थी. कहा जाता था कि गौ माता धरती पर भगवान के रूप है जो लोगों को दूध पिला कर और अपने गोबर से धरती को बचाती हैं. भगवान राम, कृष्ण या फिर भगवान शंकर गौमाता से काफी प्रेम किया करते थे उन्होंने कहा कि मां के दूध के बाद गौ माता का दूध को अमृत माना जाता है. गौ पालक विनोद कुमार सिंह का मानना है कि बिहार में हर घर में लोग देसी गाय को पाले और उनके बछड़े को बचाने की मुहिम छेड़े.

गायों को सुनाई जाती है भजन

गायों को सुबह-शाम सुनाई जाती है भजन

इस गौशाला में गौ माता के सेवा में लगे सेवकों का कहना है कि गौ माता को सुबह शाम भजन सुनाई जाती है और गौ माता भजन पर झूम उठती है इस रास्ते से गुजरने वाले लोग भी गौशाला के गेट के बाहर खड़ा होकर हाथ जोड़कर इसे प्रणाम कर आगे निकल जाते हैं. इस गौशाला में लहसुन प्याज पर भी प्रतिबंध है गौ माताओं को प्रसाद के रूप में हर दिन फल और गुड़ का भोग भी लगाया जाता है.

(रिपोर्टर- मनोज सिंह, पटना)


 

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