Animal Care: माॅनसून शुरू होने से पहले पशुपालक जरूर कर लें ये 6 खास काम

Animal Care: माॅनसून शुरू होने से पहले पशुपालक जरूर कर लें ये 6 खास काम

अगर जरा सी लापरवाही हो जाए तो बरसात के मौसम में पशुपालकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. कई जानलेवा संक्रमित बीमारियां भी बरसात के मौसम में ही पशुओं पर अटैक करती हैं. कई बार तो बड़ी संख्या में पशुओं की मौत तक हो जाती है. लेकिन इस सब से निपटने के लिए जरूरी है कि पशुपालक एनिमल एक्सपर्ट की ओर से जारी होने वाली एडवाइजरी का पालन करें. 

भैंस पालनभैंस पालन
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jul 02, 2024,
  • Updated Jul 02, 2024, 11:56 AM IST

पशुधन, जैसा नाम से ही जाहिर हो जाता है कि दुधारू पशु किसान का धन होता है. यही वजह है कि हर मौसम में पशुधन को बीमारियों और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं से बचाने की जरूरत भी होती है. क्योंकि एक पशु की मौत होने पर भी किसान को बड़ी आर्थिक हानि होती है. इसीलिए एनिमल एक्सपर्ट हर मौसम से पहले पशुपालकों को कुछ जरूरी हिदायत देते हैं. बरसात का मौसम शुरू हो चुका है. तेज और लगातार बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव हो जाता है या फिर बाढ़ भी आ जाती है. 

ऐसे में पशुओं की जान पर बन आती है. पशुओं के लिए खाने-पीने के सामान की भी किल्लत होने लगती है. जलभराव के चलते संक्रमण रोग फैलने का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में अगर बरसात से पहले एनिमल एक्सपर्ट के बताए छह खास काम कर लिए जाएं तो ऊपर बताए सभी खतरों को टाला जा सकता है. 

बरसात के दौरान पशुपालक ये काम जरूर करें  

पशुओं के लिए सुरक्षित शेड बनाएं-

बरसात में जलभराव होने पर पशुओं के लिए बैठना तो दूर खड़े होने की भी जगह नहीं होती है. इसलिए पशुओं का शेड थोड़ी ऊंची जगह पर बनाएं. पशुओं को बारिश के पानी में भीगने से भी बचाने का इंतजाम करें. 

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पीने के पानी का करें स्टोर-

बारिश होने और जलभराव होने पर सबसे पहले पानी प्रदूषि‍त होता है. और ऐसा पानी पीने के चलते ही पशु कई तरह की संक्रमित बीमारियों की चपेट में आ जाता है. इसलिए बरसात के दौरान पानी का स्टोर जरूर करें. 

पशुओं को खुले में ना चाराएं-

बरसात के दौरान जब जलभराव होता है तो वो कई-कई दिन तक रहता है. खेत और चारागाहों में भी पानी भर जाता है. इसलिए इस दौरान पशुओं को खुले में ना चराएं. क्योंकि पानी भरने से हरा चारा सड़ जाता है. और ऐसा चारा खाने से पशु बीमार पड़ जाता है. 

साइलेज और हे बनाकर करें चारे का इंताजम-

बारिश के दौरान हरा चारा खराब भी हो जाता है और उसमे नमी की मात्रा भी बढ़ जाती है. इसलिए बरसात के दौरान होने वाले हरे चारे का साइलेज और हे बनाकर स्टोर कर सकते हैं. साथ ही इस दौरान पशुओं को सिर्फ हरा चारा ना खि‍लाएं, उसमे सूखा चारा जरूर मिला लें. 

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वैक्सीनेशन जरूर करा लें-

बरसात और जलभराव के दौरान पशुओं को कई जानलेवा संक्रमित बीमारी होने का खतरा बना रहता है. इसलिए जरूरी है कि पहले से ही पशुओं को डॉक्टर की सलाह पर जरूरी वैक्सीन लगवा दें. क्योंकि पशुओं में बहुत सारी ऐसी बीमारी हैं जिनका इलाज नहीं सिर्फ रोकथाम है और वो भी वैक्सीनेशन से. 

पशु की टैगिंग जरूर कराएं-

बरसात के दौरान ही नहीं आम दिनों में भी दुधारू पशु के लिए रजिस्ट्रेशन यानि टैगिंग कराना बहुत जरूरी है. क्योंकि अगर पशु की टैगिंग कराई है तो उसके चलते हर तरह की सरकारी मदद मिलने में आसानी रहती है. जैसे टैगिंग हो तो वैक्सीनेशन आराम से हो जाता है. बीमा होने और बीमा की रकम मिलने में आसानी, पशु खो जाए या चोरी हो जाए तो मिलने में आसानी. सरकारी लोन वाली स्कीम मिलने में भी आसानी रहती है. 

 

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