Agriculture Status: देशभर में पोल्ट्री-फिशरीज, पशुपालन को मिलेगा कृषि‍ का दर्जा!, केन्द्र ने मांगी रिपोट, होगी बड़ी बैठक

Agriculture Status: देशभर में पोल्ट्री-फिशरीज, पशुपालन को मिलेगा कृषि‍ का दर्जा!, केन्द्र ने मांगी रिपोट, होगी बड़ी बैठक

Agriculture Status to Animal Husbandry पोल्ट्री-फिशरीज और पशुपालन से करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं. बड़ी संख्या में महिलाएं भी इसमे काम करती हैं. लेकिन अभी तक इन्हें वो सुविधाएं नहीं मिलती हैं जो खेती में लगे किसानों को दी जाती हैं. यहां तक की बिजली और टैक्स की दर भी दोनों के लिए अलग ही हैं. इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने एक पहल की है. उम्मीद है इस ओर एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है. 

100 चूजों से शुरू किया था मुर्गी पालन का रोजगार100 चूजों से शुरू किया था मुर्गी पालन का रोजगार
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 23, 2025,
  • Updated Sep 23, 2025, 10:17 AM IST

Agriculture Status to Animal Husbandry अभी तक देशभर में पोल्ट्री-फिशरीज और पशुपालन को कृषि‍ का दर्जा नहीं मिला है. यही वजह है कि कृषि‍ से जुड़े किसानों को जिन योजनाओं का फायदा मिल जाता है, वो फायदा पोल्ट्री-फिशरीज और पशुपालन से जुड़े किसानों को नहीं मिल पाता है. हाल ही में इसी मुद्दे से जुड़ी एक रिपोर्ट केन्द्र ने महाराष्ट्र से मांगी है. साथ ही सूत्रों की मानें तो केन्द्र इसी मुद्दे पर सभी राज्यों के कृषि‍ मंत्रियों संग एक बड़ी बैठक भी कर सकता है. महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगे जाने के पीछे भी एक बड़ी वजह है.

लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि केन्द्र के इस कदम से पोल्ट्री-फिशरीज और पशुपालन से जुड़े लाखों-करोड़ों किसानों के बीच एक उम्मीद जागी है. अब उन्हें भी लग रहा है कि दूसरे किसानों की तरह से वो भी केन्द्र और राज्य सरकार से किसानों को मिलने वालीं योजनाओं का फायदा उठा सकेंगे. 

कृषि‍ का दर्जा मिलने से ये होगा फायदा 

जुलाई में महाराष्ट्र सरकार ने पोल्ट्री-फिशरीज और पशुपालन को बड़ी राहत दी है. जिसका सीधा फायदा राज्य के पशुपालक, डेयरी फार्मर, मुर्गी पालक और भेड़-बकरी के पालन में लगे किसानों को मिलेगा. फायदों की बात करें तो सरकार के इस फैसले के बाद से अब पशुधन आधारित गतिविधियों को कृषि के समान माना जाएगा, जिससे पशुपालकों को कृषि शर्तों के तहत बिजली, स्थानीय निकाय कर, ऋण सब्सिडी और सौर सब्सिडी आसानी से मिल सकेगी. जानकारों की मानें तो सरकार के इस फैसले के बाद पोल्ट्री सेक्टर में (चिकन की डिमांड पूरी करने के लिए 25 हजार ब्रायलर मुर्गे, अंडे की डिमांड पूरी करने के लिए 50 हजार तक के लेयर फार्म, चूजों की डिमांड पूरी करने वाली 45 हजार की क्षमता वाली हैचरी को सरकार के इस फैसले से राहत मिलेगी. 

वहीं अगर डेयरी की बात करें तो 100 पशु यानि गाय-भैंस, 500 भेड़-बकरी तक, 200 की संख्या वाले सूअर फार्म को अब उच्च "कृषि-अन्य" कैटेगिरी के बजाय कृषि बिजली दरों का फायदा मिलेगा. इतना ही नहीं कृषि क्षेत्र के समान सब्सिडी के साथ सौर पंप और सौर उपकरण स्थापित करने के भी पात्र होंगे. साथ ही पशुपालन से जुड़े किसानों को पंजाबराव देशमुख ब्याज सब्सिडी योजना की तरह किसान क्रेडिट कार्ड पर पशुपालन परियोजना ऋणों पर चार फीसद तक ब्याज में छूट मिलेगी. 

पीएफआई देश में लागू करने की कर रही डिमांड 

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रनपाल ढांढा का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने पोल्ट्री फार्मर और पशुपालकों के हित में ये एक अच्छा कदम उठाया है. प्रोडक्शन बढ़ाने और एक्सपोर्ट के मौके तलाशने के लिए ये बहुत जरूरी है. हमारी डिमांड है कि महाराष्ट्र सरकार की तरह से केन्द्र सरकार देशभर में पोल्ट्री-फिशरीज और पशुपालन को कृषि‍ का दर्जा देकर इसे बढ़ाने में सहयोग करे.

ये भी पढ़ें- Fish Farming: कोयले की बंद खदानों में इस तकनीक से मछली पालन कर कमा रहे लाखों रुपये महीना 

ये भी पढ़ें- Cage Fisheries: 61 साल बाद 56 गांव अपनी जमीन पर कर रहे मछली पालन, जानें वजह

MORE NEWS

Read more!