GST on Dairy Product सरकार से हमारी एक बड़ी और पुरानी मांग थी कि डेयरी सेक्टर में जीएसटी को कम किया जाए. आज वो मांग पूरी हो गई है. अब डेयरी सेक्टर में इसके चलते दो बड़े काम होंगे. एक तो ये कि टैक्स कम होने के बाद लोग टैक्स चुकाकर काम करना पसंद करेंगे और इस सेक्टर का जो एक बड़ा हिस्सा असंगठित है वो संगठित क्षेत्र में आ जाएगा. और दूसरा ये कि खासतौर पर घी और पनीर के दाम कम होने के बाद मिलावट अब मिलावट कम होगी. और इस सब के चलते डेयरी सेक्टर को 11400 करोड़ रुपये का फायदा होगा. जब हम डेयरी सेक्टर के फायदे की बात कर रहे हैं तो उसमे पशुपालक और आम ग्राहक भी शामिल हैं. ये कहना है इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी का. किसान तक से हुई बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि घी सस्ता होने के बाद अब उसमे मिलावट भी कम हो जाएगी. अभी तक घी पर 12 फीसद जीएसटी ली जा रही थी. जबकि घी में किसान का भविष्य छिपा हुआ है. देश ही नहीं विदेश के घी बाजार में भी बहुत मौके हैं. हमारे पास दूध कलेक्शन से लेकर सप्लाई तक की मजबूत और सस्ती चेन है. पनीर में भी बहुत मिलावट होती है. अब पनीर को टैक्स फ्री कर दिया गया है. पनीर भी सस्ता हो जाएगा तो मिलावट भी कम होगी.
डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि एक्सपोर्ट के आंकड़ों पर जाएं तो विश्वभर के देशों में भारत से करीब 15 सौ करोड़ रुपये के घी का कारोबार होता है. बहुत सारे देश भारतीय घी के शौकीन हैं. संयुक्त अरब अमीरात ने भारत से साल 2023-24 में तीन करोड़ डॉलर का घी खरीदा था. और भी कई ऐसे देश हैं जो 60 लाख डॉलर से ज्यादा का सालाना घी खरीदते हैं. ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है. ब्रिटेन ने अपने सेनेटरी और फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) नियम के तहत भारतीय डेयरी प्रोडक्ट पर रोक लगा रखी है. इसी प्रतिबंध को हटवाने के लिए भारतीय अधिकारी बात कर रहे हैं.
डॉ. सोढ़ी ने नकली घी के अलावा एक और खतरे पर बात करते हुए कहा कि आज ग्राहकों को ऐसे आइटम से जागरुक करने की जरूरत है जिनके बारे में दावा किया जाता है कि वो प्लांट बेस्ड हैं. असल में चार-पांच फीसद ही ये प्लांट बेस्ड होते हैं, बाकी तो कैमिकल से तैयार किए जाते हैं. अगर प्लांट बेस्ड आइटम की असलियत के बारे में हम ग्राहकों को समझाने में कामयाब हो गए तो घरेलू बाजार में भी डेयरी प्रोडक्ट की खपत बढ़ जाएगी.
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