देश में बकरी पालन छोटे और सीमांत किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. क्योंकि बकरी पालन से छोटे किसानों की इनकम में बढ़ोतरी हो रही है. यही वजह है कि बकरी पालन धीरे-धीरे बिजनेस का रूप ले रहा है. वहीं, केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी बकरी पालन को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए वह किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. कई राज्यों में किसानों को बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए बंपर सब्सिडी भी दी जा रही है. इसके बावजूद कई किसानों को बकरी पालन के व्यवसाय में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें अच्छी नस्ल की बकरियों की जानकारी नहीं है. लेकिन अब उन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम एक ऐसी विदेसी नस्ल की बकरी के बारे में बात करेंगे, जिसका पालन करते ही कमाई डबल हो जाएगी.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं अफ्रीकन बोअर बकरी के बारे में. यह बकरी की एक बेहतरीन नस्ल है. कहा जाता है इसकी मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है. 3500 रुपये किलो इस नस्ल की बकरी का मांस बिकता है. विदेशों में अफ्रीकन बोअर बकरी के मांस की बहुत अधिक मांग है. अगर किसान इसका पालन करते हैं, तो उन्हें अच्छी कमाई कर सकते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस नस्ल की बकरी अपने वजन के लिए भी जानी जाती है. एक वयस्क नर बकरी का वजन 110 से 135 किलो तक होता है, जबकि मादा बकरी का वजन 90 से 100 किलो के बीच होता है. साथ ही नर बकरी की लंबाई 70 सेंमी और मादा बकरी की लंबाई 50 सेंमी होती है.
ये भी पढ़ें- मार्केट में आई अमरूद की ये नई किस्म, एक पौधे से 100 किलो तक मिलती है उपज
अफ्रीकन बोअर बकरी देखने में भी सुन्दर लगती है. इस नस्ल की बकरी की त्वचा सफेद होता है. जबकि, सर और गर्दन लाल होते हैं. इसके कान लंबे होने के चलते नीचे की ओर लटके रहते हैं. अभी महाराष्ट्र के पुणे और कोल्हापुर में किसान अफ्रीकन बोअर बकरी का पालन कर रहे हैं. इस नस्ल की बकरी के मांस की सप्लाई बड़े-बड़े होटलों में होती है. इसलिए किसान इस नस्ल की बकरी का पालन कर दोगुनी कमाई कर सकते हैं.
पिछले महीने खबर सामने आई थी कि छत्तीसगढ़ में अफ्रीकन बोअर नस्ल की बकरी के पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. यहां के सरगुजा जिले में पशुपालन विभाग ने अफ्रीकी बोअर नस्ल के सीमेन का आयात किया है. ताकि जिले में बकरी पालन में तेजी लाई जा सके. पशुपालन विभाग का मानना है कि इस नस्ल की बकरी का पालन करने से आदिवासी क्षेत्रों में बकरी प्रजनन और उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा. पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. चंदू मिश्रा का कहना था कि अफ्रीकी बोअर नस्ल की बकरियां मजबूत होती हैं और तेजी से बढ़ती हैं. इस कदम से सरगुजा में बकरी पालन में क्रांति की उम्मीद है और किसानों की आय दोगुनी होगी.
ये भी पढ़ें- मटर के पौधे पर जब आने लगे सफेदी तो समझ लें इस रोग का अटैक है, तुरंत छिड़कें ये दवा