Goat Lamb: तय गर्भाधान के मुताबिक सितम्बर-अक्टूबर में होंगे बकरी के बच्चे, ऐसे बचाएं संक्रमण से 

Goat Lamb: तय गर्भाधान के मुताबिक सितम्बर-अक्टूबर में होंगे बकरी के बच्चे, ऐसे बचाएं संक्रमण से 

Goat Lamb Birth बकरी पालन में री-प्रोडक्शन यानि बकरी द्वारा बच्चे देने सबसे अहम और बड़ा मुनाफा है. क्योंकि बकरी पालन दूध से ज्यादा मीट के लिए होता है और उसके लिए चाहिए बच्चे. बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए बकरी पालक वक्त तय करके बच्चे पैदा करा रहे हैं. अब आने वाले सितम्बर-अक्टूबर में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए कुछ उपाय अपनाने होंगे.

तस्करों ने रात के अंधेरे में अलग-अलग इलाकों से 6 गायों को पिकअप गाड़ी में डालकर चोरी कर लिया. (Photo: Representational)तस्करों ने रात के अंधेरे में अलग-अलग इलाकों से 6 गायों को पिकअप गाड़ी में डालकर चोरी कर लिया. (Photo: Representational)
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 03, 2025,
  • Updated Sep 03, 2025, 3:41 PM IST

Goat Lamb Birth जो बकरी पालक बकरी का गर्भाधन तय वक्त के मुताबिक कराते हैं तो वो बच्चे सितम्बर-अक्टूबर में पैदा होते हैं. यही वो वक्त है जब बकरी बच्चे देगी. नस्ल के हिसाब से बकरी दो से तीन बच्चे तक देती है. एक्सपर्ट के मुताबिक बकरी पालन में बच्चे ही सबसे बड़ा मुनाफा होते हैं. अब क्योंकि सितम्बर और आने वाले अक्टूबर में जन्म लेंगे, लेकिन इसी बीच देश के कई राज्य बाढ़ से जूझ रहे हैं. कुछ राज्यों में भारी बारिश हो रही है. और परेशानी की बात ये है कि जब बाढ़ का पानी उतरेगा और बारिश बंद होगी तो संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना रहता है. और बकरी के छोटे बच्चे संक्रमण की चपेट में जल्दी आते हैं. इसलिए ऐसे वक्त में बकरी के बच्चों को संक्रमण से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है. 

संक्रमण से बचाने को कैसे करें बच्चों की देखभाल

गोट एक्सपर्ट मोहम्मद राशि‍द ने बताया कि बकरी के बच्चों की मृत्यु् दर कम करने के लिए ये जरूरी है कि हम उसकी देखभाल के साथ ही उसके खानपान का भी ध्यान रखें. उम्र के साथ उसका वैक्सीनेशन भी कराएं. 

  • बच्चे के पैदा होते ही उसे मां का दूध पिलाएं.
  • बच्चे के वजन के हिसाब से ही उसे दूध पिलाएं. 
  • वजन एक किलो हो तो 100-125 ग्राम दूध पिलाएं. 
  • बच्चे को दिनभर में तीन से चार बार में दूध पिलाएं. 
  • दूध पिलाने के लिए बकरी की जैर गिरने का इंतजार ना करें.
  • बच्चा 18 से 20 दिन का हो तो चारे की कोपल खि‍लाएं. 
  • बच्चा एक महीने का हो जाए तो पिसा हुआ दाना खि‍लाएं. 

बच्चों को मौसम से बचाने के लिए क्या करें

अगर आप साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन कर रहे हैं तो फिर बकरी अपने शेड में सितम्बर-अक्टूबर में बच्चा देगी या फिर मार्च-अप्रैल में. ये मौसम का वो वक्त है जब ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही ज्यादा सर्दी. बावजूद इसके बकरी के बच्चे को उचित देखभाल की जरूरत होती है. 

  • बच्चे को मौसम से बचाने के लिए जरूरी उपाय पहले से ही कर लें. 
  • जमीन पर बिछावन के लिए पुआल का इस्तेमाल करें.
  • तीन महीने का होने पर बच्चे का टीकाकरण शुरू करा दें.
  • डॉक्टर की सलाह पर पेट के कीड़ों की दवाई दें.
  • जन्म से एक-डेढ़ महीने पहले बकरी की खुराक बढ़ा दें. 
  • बकरी को भरपूर मात्रा में हरा, सूखा चारा और दाना खाने को दें.

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