झारखंड में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए और पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से किसानों को प्रति लीटर दूध में प्रोत्साहन राशि दी जाती है. पर पिछले पांच महीनों से यह राशि किसानों को नहीं मिलनी बंद हो गई है. इसके कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है. पशु चारे की बढ़ती कीमतों के बीच किसानों के लिए प्रति लीटर दूध पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से काफी मदद मिल जाती है. लेकिन अब किसानों को यह राशि नहीं मिल पा रही है जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है.
दूध पर प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने के कारण राज्य के 66 हजार किसान प्रभावित हो रहे हैं. दरअसल यह समस्या एक करार को लेकर पैदा हो गई है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और झारखंड सरकार के बीच करार खत्म हो गया है. इसके कारण किसानों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है. करार के अनुसार एनडीडीबी के जरिए ही किसानों को सरकार से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान डीबीटी के जरिए किया जाता है. पर राज्य में एनडीडीबी का करार 31 मार्च को ही खत्म हो गया है.
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करार खत्म होने के बाद इसे फिर से विस्तार देने के लिए विभाग की ओर से एनडीडीबी को प्रस्ताव भेजा गया है. जिसके तहत पांच वर्ष का विस्तार किया जाना है. पर अभी तक इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिल पाई है. इसलिए मामला अटका हुआ है. बता दें कि झारखंड मिल्क फेडरेशन में हर दिन 2.5 लाख लीटर दूध आता है. प्रति लीटर दूध पर तीन रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इस तरह से एक दिन की प्रोत्साहन राशि 7.5 लाख रुपये हो जाती है. पांच महीनों में यह आकंड़ा करोड़ों रुपये हो गया है, जो अब तक किसानों को नहीं मिला है.
राज्य सरकार ने किसानों को प्रति लीटर पांच रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है. पर इसे भी कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिल पाई है. झारखंड मिल्क फेडरेशन का संचालन एनडीडीबी की तरफ से किया जाता है. एनडीडीबी और राज्य सरकार के बीच एग्रीमेंट नहीं हो पाने के कारण राज्य को एनडीडीबी की तरफ से मिलने वाली राशि नहीं मिल पा रही है. इससे राज्य के दूध कलेक्शन केंद्रों में बल्क मिल्क कूलिंग मशीन नहीं लग पा रही है. इस मशीन के लग जाने से दूध का कलेक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे उत्पादन भी बढ़ेगा. जेएमएफ का प्रयास है कि राज्य में दूध उत्पादन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर किया जाए.
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रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड अंतर्गत बेड़वारी गांव के दूध उत्पादन किसान रामेश्वर गोप ने किसान तक से बातचीत में बताया कि फिलहाल वे हर दिन 75 लीटर दूध जेएमएफ को दे रहे हैं. दूध का पैसा सही समय पर उन्हें मिल रहा है पर प्रोत्साहन राशि मिलनी अब बंद हो गई है. उन्होंने कहा कि इससे उनकी कमाई कम हो गई है. साथ ही कहा कि राज्य सरकार ने पांच रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी लेकिन वो आज तक नहीं मिल पाई है. रामेश्वर एक बीएमसी सेंटर भी चलाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाने के कारण सभी दूध उत्पादक किसान को परेशानी हो रही है.