उत्तराखंड के बागेश्वर में मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक साबित हुई है. इस जिले में गुरुवार को मूसलधार बारिश हुई. साथ में आकाशिय बिजली का भी प्रकोप देखा गया. बागेश्वर जिले में आकाशीय बिजली गिरने से लेटी गाव में 14 मवेशियों की मौत हो गई है. कई चारवाहे भी बाल-बाल बचे हैं. इसके साथ ही किसानों की फसलों का भारी नुकसान हुआ है. एक तस्वीर ये भी आई कि बारिश और तेज हवा के चलते एक मकान पर पेड़ गया. इससे घर के लोग बाल-बाल बचे.
बागेश्वर जनपद में गुरुवार को एक बार फिर मौसम ने करवट बदली. जनपद के सभी तहसीलों में झमाझम बारिश से एक ओर जहां गर्मी से राहत मिली है. वहीं दूसरी ओर किसानों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. बारिश से किसानों की पकी फसलों का नुकसान हो रहा है. साथ ही लगातार हो रही तेज बारिश से जनपद के चौगावछीना में एक घर के ऊपर पेड़ गिर गया. हालांकि इस घटना में कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है.
साथ ही आकाशीय बिजली गिरने से बागेश्वर के लेटी गांव में 14 मवेशियों की मृत्यु हो गई है. घटना की सूचना मिलने पर पटवारी औक पशु चिकित्सा अधिकारी की टीम की ओर से आवश्यक कार्यवाही की जा रही है. बेमौसमी इस बारिश से साबसे ज्यादा किसान नाखुश हैं. किसानों का कहना है कि अभी फसलों की मड़ाई और कटाई का काम किया जा रहा है. ऐसे में रोज बारिश दखल डाल रही है. लगातार हो रही इस बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है.
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गुरुवार शाम को आकाशीय बिजली गिरने से एक ओर 14 मवेशियों की मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर कई फसलों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. इन मवेशियों के साथ चरवाहे भी थे जो तेज हवा के चलते धर्मशाला में चले गए, वरना उनकी जान पर भी संकट था. यहां चीड़ के पेड़ पर बिजली गिर गई जिससे अचानक अफरा-तफरी मच गई और मवेशियों की मौत हो गई. इस घटना के बाद गांव के लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. जिला आपदा अधिकारी की ओर से कहा गया कि घटना की जांच की जा रही है. मौसम विभाग ने आगे भी बारिश और बिजली गिरने की संभावना जाहिर की है.
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इससे पहले बागेश्वर के जंगलों में आग लगने से पेड़ पौधों के भारी नुकसान की खबर है. साथ ही, पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंची है. बागेश्वर के कई इलाकों में दूर-दूर तक धुंआ देखा गया. टूरिस्ट भी मायूस दिखे क्योंकि उन्हें हिमाचल प्रदेश की झलक दिखने में परेशानी आई. बागेश्वर जनपद के गणखेत रेंज, बैजनाथ रेंज और धरमघर रेंज के अलग-अलग जंगलों में आग का तांडव बढ़ता जा रहा है. इस आग से वन संपदा को भारी नुकसान तो हो ही रहा है. साथ ही जंगली जानवरों का रिहायसी इलाकों में आने का खतरा भी बढ़ने लगा है.(जगदीश की रिपोर्ट)
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