पिछले तीन साल का रिकॉर्ड देखें तो ओडिशा में लगातार चक्रवाती तूफान आता रहा है. इससे जानमाल का भारी नुकसान देखा गया है. अकसर गर्मी के दिनों में चक्रवाती तूफान का असर देखा जाता है. अब गर्मियां फिर शुरू हो गई हैं, ऐसे में चक्रवाती तूफान की आशंका के बीच सरकार ने एहतियात के तौर पर राहत बचाव की तैयारी शुरू कर दी है. साल 2019 से 2021 तक लगातार चक्रवाती तूफान का असर देखा जाता रहा है. हालांकि अच्छी बात ये है कि मौसम विभाग (IMD) ने अभी तक अगले 15 दिनों के लिए बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव की कोई भविष्यवाणी नहीं की है.
मौसम विभाग की तरफ से भले ही किसी कम दबाव वाले क्षेत्र का अनुमान नहीं दिया गया है, लेकिन ओडिशा सरकार ने सभी जिलों में एक मई से चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम चलाने का निर्देश दिया है. इस कंट्रोम के जरिये एक-एक पल की स्थिति पर पैनी निगाह रखी जाएगी. फिर इसकी जानकारी आगे बढ़ाई जाएगी. इसका फैसला बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता चीफ सेक्रेटरी पीके जेना ने की. बैठक में राज्य सरकारी की तैयारियों का जायजा लिया गया.
बैठक में भाग लेने वालों में कई सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन सेवा महानिदेशक, विशेष राहत आयुक्त और आईएमडी भुवनेश्वर के एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. जेना ने राजस्व और आपदा प्रबंधन, ग्रामीण विकास, आवास और शहरी विकास, स्वास्थ्य, गृह और पंचायती राज और पेयजल जैसे लाइन विभागों को राज्य में चक्रवाती तूफान के तटों पर टकराने की स्थिति में तैयार रहने को कहा.
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इस बैठक में पारादीप और गोपालपुर में लगे डॉपलर रडार से मिली जानकारी पर चर्चा हुई. ये दोनों रडार बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाले किसी भी गर्मी के चक्रवात को ट्रैक करने में मदद करेंगे. जबकि ओडिशा ने 2019 में चक्रवात फानी का सामना किया. इसके साथ ही चक्रवात अंफन और यास ने क्रमशः 2020 और 2021 में ओडिशा को प्रभावित किया था. हालांकि, पिछले साल ऐसा कोई चक्रवात नहीं आया था.
चक्रवात की आशंका के बीच मोबाइल ऑपरेटरों ने चक्रवातों से होने वाली तबाही से निपटने के लिए कई उपाय पेश किए हैं. राज्य सरकार ने उन्हें बिना रोकटोक सेवाएं देने और चक्रवात का अपडेट देने को लेकर लोगों को अलर्ट भेजने के लिए कहा है. बैठक में शामिल आईएमडी के अधिकारियों और वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक यूएस डैश ने कहा कि रेडियो और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से मौसम बुलेटिन और चक्रवात अपडेट जारी करने के लिए कदम उठाए गए हैं.
यूएस डैश ने कहा कि राज्य सरकार को बताया गया है कि अगले 15 दिनों में बंगाल की खाड़ी में कम दबाव बनने की कोई संभावना नहीं है और इसलिए अब ग्रीष्मकालीन चक्रवात की कोई संभावना नहीं है. इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, "चक्रवात मॉक ड्रिल 18 और 19 जून को प्रत्येक जिले में आयोजित की जाएगी, पुरी को छोड़कर क्योंकि वहां 20 जून को एक उत्सव आयोजित किया जाना है."
ओडिशा राज्य के 317 दमकल केंद्रों के अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है. मुख्य सचिव के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन गर्मियों में ओडिशा में किसी भी चक्रवात के आने की स्थिति में बचाव और पुनर्वास कार्य के लिए एनडीआरएफ की कम से कम 17 टीमों को तैनात किया जा सकता है.
लोगों को अस्थायी रहने की सुविधा देने के लिए राज्य में कुल मिलाकर 879 चक्रवात/बाढ़ केंद्र हैं. ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को बचाव और पुनर्वास कार्य के लिए सभी उपकरण तैयार रखने को कहा गया है. चक्रवात के दौरान बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग को जरूरी उपाय करने को कहा गया है.
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बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला मुख्यालय के अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां, एंटी-वेनम इंजेक्शन और अन्य जरूरी सामान जमा किया जाएगा. खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग को पर्याप्त मात्रा में सूखा भोजन और अन्य जरूरी सामानों का भंडारण करने के लिए कहा गया है. राज्य के 317 दमकल केंद्रों के अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है.(PTI)
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