उत्तर प्रदेश में जून महीने की शुरुआत से ही भीषण गर्मी और लू का प्रकोप जारी है. वहीं मौसम विभाग की ओर से भी आने वाले 2 दिनों के लिए गर्मी को देखते हुए येलो अलर्ट (Heat wave alert) जारी किया गया है. लखनऊ के मौसम केंद्र की तरफ से पूर्वांचल में लू चलने की आशंका जताई गई है. गर्म हवाएं फिलहाल पिछले 1 हफ्ते से तेजी से चल रही हैं जिससे बच्चों, वृद्ध, गर्भवती महिलाओं को लू से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी की है. वही वाराणसी और आसपास के जनपद में भी भीषण गर्मी के चलते खरीफ की फसल की बुवाई प्रभावित हुई है. धान की तैयार नर्सरी को बचाने के लिए किसानों को लगातार सिंचाई करनी पड़ रही है.
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू चलने की वजह से इंसान के साथ-साथ दूध देने वाले पशुओं पर भी विपरीत असर पड़ा है. मवेशियों को लू से बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. वही पशुओं के लिए सेड और उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश भी जिलों में अधिकारियों को दिए गए हैं. दुधारू पशु भीषण गर्मी की वजह से उनके दूध उत्पादन पर विपरीत असर पड़ा है. इन दिनों दूध देने वाले पशुओं की क्षमता में 20 से 30 फ़ीसदी की कमी आई है जिसके चलते दूध का दाम भी इन दिनो बढ़ा है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया की अगले सप्ताह से मौसम के रूप में परिवर्तन का अनुमान है. अगले 2 दिन तक ऐसे ही प्रचंड गर्मी और लू चलने की संभावना है. चक्रवाती तूफान बिपर्जय के चलते उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में अगले एक-दो दिनों में हल्का असर देखा जा सकता है. वही तूफान के कमजोर पड़ते ही मानसून के बढ़ने का रास्ता खुलेगा जिससे 28 जून तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून पहुंचने के आसार हैं.
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उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में भीषण गर्मी का कहर सबसे ज्यादा है. पिछले 1 सप्ताह के दौरान मौतों का आंकड़ा बढ़ा है. जिला अस्पताल में भीषण गर्मी के चलते 1 सप्ताह में 70 लोगों की मौत हो चुकी है. जनपद में शनिवार को ही 10 लोगों की मौत गर्मी के चलते हीट स्ट्रोक से हो चुकी है.
मौसम विभाग के द्वारा चार प्रकार के अलर्ट जारी किए जाते हैं. ग्रीन अलर्ट को सामान्य माना जाता है जबकि येलो अलर्ट में ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. ऑरेंज अलर्ट में सावधान रहने की सलाह दी जाती है. वही रेड अलर्ट की स्थिति में तत्काल बचाव की कार्रवाई शुरू करनी होती है.
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