हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश से हालात बिगड़े हुए हैं तो वही उत्तर प्रदेश में भी लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. पहाड़ों में अधिक बारिश होने से प्रदेश में कई नदियां उफान पर हैं जिसके चलते बाढ़ की स्थिति बनने लगी है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 12 जुलाई से लेकर 13 जुलाई तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के मुताबिक आगामी 24 घंटे में प्रदेश में मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, संभल में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट (orange alert) जारी किया गया है. 12 से 13 जुलाई सुबह 8:30 बजे तक इन जिलों में भारी बारिश की संभावना भी जताई गई है. प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में गरज चमक के साथ सभी जनपदों में बारिश होने की संभावना जताई गई है .
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 12 जुलाई से लेकर 13 जुलाई सुबह 8:30 बजे तक श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी ,सीतापुर ,बरेली, पीलीभीत ,शाहजहांपुर, बदायूं ,बिजनौर ,मुरादाबाद में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन इलाकों में 24 घंटों के दौरान बहुत भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है. मौसम वैज्ञानिक आलोक पांडे ने किसान तक को बताया कि इन जिलों में सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश होने की संभावना है.
उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश के चलते मौसम विभाग ने कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर की इलाकों में कहीं ऑरेंज अलर्ट है तो कहीं यलो अलर्ट है. इसके अलावा देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती ,बलरामपुर, श्रावस्ती ,मथुरा, हाथरस ,आगरा, फिरोजाबाद ,मैनपुरी, इटावा, जालौन, हमीरपुर ,महोबा, झांसी, ललितपुर के आसपास के इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है जिसके लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है.
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में मेरठ ,एटा, मुजफ्फरनगर ,सहारनपुर ,बागपत ,फिरोजाबाद, बिजनौर, बदायूं ,औरैया ,इटावा ,रामपुर ,बरेली, आगरा, बाराबंकी ,मुरादाबाद, फर्रुखाबाद, कासगंज ,लखनऊ, संभल, अलीगढ़ जनपद में सामान्य से अधिक बारिश हुई है. इन जिलों में 1 जून से लेकर अब तक बारिश का औसत सामान्य के सापेक्ष 111% है.
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लगातार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश की कई नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. पश्चिमी यूपी में कई जिलों के हालात अब बिगड़ने लगे हैं. गंगा, यमुना और सरयू नदी इन दिनों उफान पर चल रही है. सहारनपुर शामली, बिजनौर जैसे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. वहीं हथिनी कुंड बैराज से यमुना में छोड़े गए 387000 क्यूसेक पानी से जल स्तर में वृद्धि हुई है. कैराना जनपद में तो यमुना खतरे के निशान को पार कर गई है. वहीं बिजनौर और हापुड़ में गंगा खतरे के निशान के नजदीक पहुंच चुकी है.
यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. 2013 में भी यमुना नदी में ऐसे ही हालात थे. यमुना नदी में 2013 में एक साथ 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया जिसके चलते कई जगह तटबंध टूट गए थे और कई गांव में पानी घुस गया. फसलों से लेकर मकानों तक भारी नुकसान हुआ. अब दस साल बाद फिर से इस तरह के हालात देखकर लोग सहमे हुए नजर आ रहे हैं.
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