उत्तर प्रदेश में हो रही जबरदस्त बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं. कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. मिर्ज़ापुर में लगातार बढ़ रहे गंगा के पानी के कारण बाढ़ के हालात बन गये है. गंगा का पानी इस समय खतरे के निशान से ऊपर आ चुका है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित सदर तहसील के मल्लेपुर और नरसिंगपुर में गंगा का पानी खेतों से होते हुए लोगों के घरों तक पहुंच गया है. गंगा में सबसे ज्यादा पानी की बढ़ोतरी पिछले चौबीस घंटों में हुई है. जिसके कारण किसानों की मक्का, मूंग, बाजरा समेत अन्य खरीफ फसलें डूब गई हैं.
हरिसिंघपुर में घरों तक पानी पहुंच गया है. लोगों के घर और झोपड़ी डूब गये है. बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का हुआ है. बाढ़ की वजह से खेत डूबने से सब्जियों की पूरी फसल बर्बाद हो गयी. गंगा में पानी इतना तेजी से बढ़ा की लोगों को सब्जियों की फसल बचाने का मौका तक नहीं मिला. किसानों का कहना है बाढ़ की वजह से भारी नुकसान हुआ है. वहीं बस्तियों में रहने वाले लोग खौफ में है उन्हें लग रहा कि कही बाढ़ का पानी बढ़ गया तो उन्हें भी घर छोड़ कर जाना पड़ेगा.
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पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी बाढ़ का खतरा मड़राने लगा है. चंदौली में गंगा का जलस्तर लगातार तेजी के साथ बढ़ रहा है और गंगा नदी का पानी अब गांव के पास तक पहुंच गया है. ऐसे में गंगा नदी के किनारे बसने वाले ग्रामीणों में एक तरफ जहां बाढ़ को लेकर चिंता बढ़ गई है वहीं गंगा के तटवर्ती इलाकों में खेती करने वाले किसानों का भी काफी नुकसान हुआ है.
इधर मथूरा में भी लगातार दो दिनों से हो रही है. भारी बारिश को देखते हुए मथुरा जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने तहसील छाता के विभिन्न गांवों का निरीक्षण किया. उन्होंने छाता के ग्राम कामर, लालपुर, देहगांव आदि का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने किसानों से बातचीत की उनकी समस्याओं को सुना, उनके खेतों में हुए जलभराव का जायजा लिए और नुकसान का आकलन किया. जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद के अधिकारियों द्वारा निरंतर वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है.
इधर गोंडा में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है. घाघरा नदी खतरे के निशान से 91 सेमी ऊपर बह रहा है. जिले के करनैलगंज और तरबगंज तहसील के 25 गांवों में बाढ़ ने तबाही ला दी है. चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई पड़ रहा है जिले में करीब 50 हजार की आबादी बाढ़ से कराह रही है. आलम यह है कि तरबगंज तहसील के बेयोन्दा मांझा,दत्तनगर बहादुर पुर समेत अन्य गांवों के घरों में पानी भर गया है.बेयोन्दा के प्रधान केशव राम यादव की माने तो बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. प्रशासन यथा सम्भव मदद कर रहा है. जबकि सूचना विभाग द्वारा ग्रुप पर भेजे गए मैसेज में दावा किया गया है कि 36 हजार 5 सौ की आबादी बाढ़ से प्रभवित हुई है.
बैराजों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से सोमवार को सीतापुर में हालात बेकाबू नजर आये. बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. सरयू नदी में आए उफान से 80 गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. करीब 25 हजार की आबादी प्रभावित है. आसपास के गांवों की हालत यह है कि बाढ़ के पानी ने गांव को चारों ओर से घेर लिया है, जिससे वह अलग-थलग टापू बन गया है. सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूब गई है. करीब 30 गांवों की सड़कों पर तेज बहाव के कारण संपर्क टूट गया है. हर तरफ पानी ही पानी देख इलाके में हाहाकार मच गया है. ग्रामीण अपनी गृहस्थी समेटकर नाव, पैदल व अन्य साधनों से सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ रहे हैं.
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यूपी के संतकबीरनगर जिले के धनघटा विधानसभा में बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर बड़ा खतरे की निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. सरयू नदी का जल स्तर बढ़ने से एक संपर्क मार्ग टूट गया और लगभग दो दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं. सैकड़ों बीघा खेत पानी में डूब गए हैं. सरयू नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से नदी क्षेत्र की स्थिति खराब हो गयी है. बुचऊपुरवा, ढोढ़ेपुरवा, लोधनपुरवा, नागेश्वर पुरवा, पीतांबर पुरवा, बैजू पुरवा, बक्शीपुरवा, फत्तेपुरवा, जगरूपपुरवा, केवरा, अखरी, अंगरौरा, मिश्रनपुरवा, केवरा, सोतीपुरवा, परमगोंडा, शंकरपुरवा, बाबाकुटी, अटौरा, कनरखी, बगस्ती सहित लगभग 80 गांव प्रभावित हुए हैं.
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