उत्तर प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसान की फसल पर फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. पिछले 4 दिनों से प्रदेश में लगातार मौसम में बदलाव देखा जा रहा है. प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी है. मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक सोमवार रात से मंगलवार तक प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ ,बिजनौर गाजियाबाद जिलों में भारी बारिश की संभावना है जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वही इन जिलों में तेज हवाएं भी चलेंगी. मौसम में बदलाव का यह सिलसिला फिलहाल 22 मार्च तक जारी रहेगा. वही किसानों के लिए ओलावृष्टि से नुकसान से बचने के लिए कृषि विभाग ने भी एडवाइजरी जारी की है.
उत्तर प्रदेश मौसम का मिजाज अभी भी बिगड़ा हुआ है. 17 मार्च से अब तक प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसान की गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं अब मौसम विभाग ने 20 मार्च से लेकर 21 मार्च तक उत्तर प्रदेश के गोंडा, बस्ती संतकबीरनगर, बलरामपुर, अमरोहा, सीतापुर, बाराबंकी ,लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, शामली, मुजफ्फरनगर बागपत, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद जिलों में ओलावृष्टि की संभावना है जिसके लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार इन जिलों में 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी.
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उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद जिले में मौसम विभाग ने भारी बारिश की संभावना जताई है. वही मौसम विभाग ने किसानों को दो-तीन दिनों तक फसलों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. प्रदेश में अगले 2 से 3 दिनों तक सभी जिलों में बादल छाए रहेंगे. वही गरज चमक के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है.
उत्तर प्रदेश में फिलहाल मौसम विभाग के अनुसार 22 मार्च तक बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि 23 मार्च से तापमान में बढ़ोतरी होगी. वही हवा की गति में भी कमी आएगी. इस दौरान न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा जबकि अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग ने मौसम के मिजाज को देखते हुए किसानों के लिए अगले 4 दिनों तक फसलों की कटाई ना करने का सुझाव दिया है. 22 मार्च तक प्रदेश में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना देखते हुए किसानों को सिंचाई ना करने की भी सलाह दी गई है. वहीं आम में खर्रा (दहिया रोग) लगने की संभावना को देखते हुए सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी या केराथेन 1 मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से मौसम साफ होने पर छिड़काव करने की सलाह दी गई है.
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