मॉनसून के सक्रिय होने के बाद देश के लगभग सभी हिस्सों में हल्की और मध्यम के साथ भारी बारिश का दौर जारी है. वहीं आईएमडी ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में आज येलो अलर्ट जारी किया है. मालूम हो कि मौसम विभाग कुछ जगहों के लिए कभी येलो, तो कुछ जगहों के लिए ऑरेंज के साथ-साथ रेड अलर्ट भी जारी करता है. ऐसे में आपके मन में भी ये सवाल जरूर आते होंगे कि अलर्ट कितने प्रकार के होते हैं और मौसम विभाग द्वारा किस परिस्थिति में कौन-सा अलर्ट जारी किया जाता है, तो आइए इन सभी सवालों के जवाब आज विस्तार से जानते हैं-
दरअसल, मौसम विभाग द्वारा हर मौसम के हिसाब से आमतौर पर तीन अलर्ट जारी किया जाता है. रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट. इनके अलावा ग्रीन अलर्ट भी होता है, लेकिन इसका इतना महत्व नहीं है. वहीं, मौसम विभाग द्वारा ये अलर्ट बारिश, बर्फबारी, आंधी-तूफान, ओलावृष्टि, धूल भरी आंधी जैसी खराब मौसम की स्थिति और यहां तक कि लू और शीत लहर के मामलों में भी जारी किए जाते हैं. मालूम हो कि मौसम विभाग द्वारा निर्धारित कुछ ऐसे पैरामीटर हैं जो तय करते हैं कि कौन-सा अलर्ट कब जारी किए जाएंगे.
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जहां तक बरसात के मौसम यानी मॉनसून सीजन में अलर्ट का सवाल है, तो यदि 24 घंटे के दौरान 64 मिमी से कम बारिश होने की संभावना होती है, तब ग्रीन अलर्ट जारी किया जाता है. जबकि, 24 घंटे के दौरान 64.5 मिमी और 115.5 मिमी के बीच बारिश होने की संभावना होती है, तब, येलो अलर्ट जारी किया जाता है. वहीं, जब 24 घंटे के दौरान 115.6 से 204.4 मिमी के बीच बारिश होने की संभावना होती है, तब ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. इसके अलावा, जब 24 घंटे के दौरान 204.5 मिमी से अधिक बारिश होने की संभावना होती है, तब रेड अलर्ट जारी किया जाता है.
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ग्रीन अलर्ट- ग्रीन अलर्ट का मतलब है किसी भी तरह की सलाह जारी करने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, कोई मौसम संबंधी घटना हो सकती है.
येलो अलर्ट- येलो अलर्ट खराब मौसम की स्थिति को दर्शाता है. मौसम विभाग जब येलो अलर्ट जारी करता है, तो वह आपको सचेत रहने के लिए कहता है. इसके मुताबिक आपको तुरंत कोई खतरा नहीं होता.
ऑरेंज अलर्ट- ऑरेंज अलर्ट तब जारी किया जा रहा है जब बेहद खराब मौसम की आशंका होती है जिससे परिवहन, रेल, सड़क और हवाई मार्ग में व्यवधान हो सकता है. बिजली सप्लाई में भी व्यवधान की संभावना होती है.
रेड अलर्ट- रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब मौसम ज्यादा बिगड़ जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है. इस दौरान जान को भी खतरा होता है. ऐसे में रेड अलर्ट जारी होने के बाद आपको मौसम विभाग द्वारा जारी सभी नियमों का पालन करना चाहिए.
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