देश की नदियों में अभी 10 साल के निचले स्तर का पानी है. ऐसी स्थिति इसलिए पनपी है क्योंकि मॉनसूनी बारिश की घोर कमी है. हालांकि बारिश की कमी इतनी भी भयंकर नहीं है कि बांध के बांध सूख जाएं. एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून की बारिश अभी 11 फीसद की कमी पर चल रही है, लेकिन देश की तकरीबन 150 नदियों (जलाशयों) में अभी 10 साल के सबसे निचले स्तर का पानी बचा है. इससे अलग-अलग राज्यों में सूखे की स्थिति भलीभांति समझी जा सकती है. पानी की कमी का हवाला सेंट्रल वॉटर कमीशन (CWC) ने दिया है.
'बिजनेसलाइन' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 150 जलाशयों में 27 जलाशय ऐसे हैं जिनमें सामान्य पानी का 50 फीसद तक ही पानी जमा है. यानी इन जलाशयों में आधा पानी है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इस बार मॉनसून की बारिश कम हुई है. बारिश होने से न केवल खेतों में सिंचाई का बंदोबस्त होता है बल्कि बांधों के भरे रहने से कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. जैसे बिजली, पेयजल, सिंचाई आदि.
रिपोर्ट कहती है कि महानदी और पेन्नार के बीच बहने वाली नदियों में बहुत ही कम पानी है जबकि सुबर्णरेखा, ब्रह्मनी और बैतरणी, कावेरी, माही, कृष्णा और टडरी से कन्याकुमारी की तरफ से पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में भी कम पानी जमा है.
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राज्यों के हिसाब से बात करें तो बिहार के जलाशयों में सामान्य स्तर से 82 फीसद कम पानी है जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 62 परसेंट कम पानी जमा है. अन्य राज्य जहां सामान्य से कम पानी है उनमें केरल (48 परसेंट), तमिलनाडु (55 परसेंट), पश्चिम बंगाल (46 परसेंट), उत्तर प्रदेश (42 परसेंट), ओडिशा (32 परसेंट) और झारखंड (26 परसेंट) के नाम हैं. ओवरऑल देखें तो देश में मात्र पांच जलाशय जिनमें तीन तेलंगाना और दो पश्चिम भारत में हैं, जिनमें क्षमता के मुताबिक पानी भरा है.
दक्षिण भारत के 42 जलाशयों में 17 ऐसे हैं जिनमें 40 फीसद से कम पानी जमा है. पूर्व में चलें तो 23 जलाशयों में से नौ में 40 परसेंट से कम पानी है. पश्चिम में 49 जलाशयों में सात और मध्य भारत के 26 जलाशयों में सात ऐसे हैं जिनमें 40 फीसद से कम पानी भरा है.
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उत्तर भारत की हालत कुछ ठीक है जहां के जलाशयों में पानी की इतनी भयंकर कमी नहीं है. हालांकि 10 में एक जलाशय ऐसे हैं जिनमें 50 फीसद से कम पानी जमा है. कच्छ और सौराष्ट्र में बहने वाली नदियों की स्थिति कुछ बेहतर है. लूणी, नर्मदा, ताप्ती, साबरमती, गोदावरी में सामान्य से अधिक पानी भरा है. गंगा, ब्रह्मपुत्र, बराक और महानदी जैसी नदियों में लगभग सामान्य पानी जमा है.
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