पहाड़ों और नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद राप्ती नदी के जलस्तर में अचानक उफान आ गया है. श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी है. नदी के तटीय इलाकों में शामिल इकौना और गिलौला के कई गांव में कटान तेजी से हो रहा है. नदी के बढ़ते हुए जलस्तर को देख तटीय इलाके के ग्रामीण अपना घर स्वयं छोड़कर जाने लगे हैं. गिलौला क्षेत्र के नारायणपुर और कल्याणपुर में तो नदी खेतों को काटकर अपने में समाहित करने लगी है. नदी के बढ़ते कटान से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.
नेपाल के पड़ोसी जिलों में भारी बारिश से ही राप्ती नदी के जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है. लक्ष्मणपुर बैराज पर जलस्तर 127.100 मीटर था जो 128.200 मीटर तक पहुंच गया है जो खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर अधिक है. राप्ती की सहायक नदी कुन्हारा, कतर्निया घाट पर सरयू और बस्ती में कुआनो नदी में भी उफान जारी है. आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि नेपाल में तेज बारिश के चलते इन नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि ये नदियां खतरे के कि निशान से नीचे हैं इसलिए किसी अनहोनी की आशंका नहीं है.
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राप्ती नदी के जलस्तर में बीते दो दिनों से लगातार वृद्धि हो रही है. पहाड़ों और नेपाल में हुई भारी बारिश का असर नदी के जलस्तर पर देखा जा रहा है. राप्ती नदी के द्वारा कटान तेज हो रहा है जिसके चलते इकोना ग्राम के तेढवा का माजरा नदी के मुहाने पर आ गया है. इससे गांव के निवासी दहशत में है. अभी तक 12 लोगों के मकान पर कटान का खतरा है. गांव के कई ग्रामीण तो स्वयं ही अपने हाथों से मकान को तोड़ना शुरू कर दिया है. इकौना की तहसीलदार अरुण यादव ने बताया कि राजस्व निरीक्षक को भेजा गया है. बाढ़ व कटान की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. प्रभावितों की हर संभव मदद की जाएगी.
राप्ती नदी के चलते तटीय इलाकों में खेतों में पानी भर गया है जिससे इकौना तहसील क्षेत्र की ही नारायणपुर, कल्याणपुर में खेतों में पानी भर गया है. पानी से खरीफ की दिल जैसी कई फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है . इसके अलावा पिपरहवा गांव में भी नदी के पानी के चलते कई फसल जलमग्न हो गई है.
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