महाराष्ट्र के लातूर में तेज हवा के साथ हुई बेमौसम बारिश के कारण फसलों का भारी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग की ओर से मराठवाड़ा डिवीजन में भारी बारिश होने की आशंका पहले से ही जताई गई थी. जिले के औसा, निलंगा और शिरूर अनंतपाल क्षेत्रों में कल रात हुई तेज बारिश के कारण गन्ना ,ज्वार और अरहर की फसलों का की बड़े पैमाने पर तबाही हुई है. पीड़ित किसान अब इस नुकसान को लेकर प्रशासन से जल्दी मुआवाजे की मांग कर रहे हैं.
जिले के भादा गांव में रहने वाले किसान सचितानंद माली बताते हैं कि उनके 5 एकड़ खेत में लगी गन्ने की फसल बारिश में बर्बाद हो गई है. माली का कहना है कि उन्होंने गन्ने की खेती में 3 लाख रुपये खर्च किए थे. लेकिन अब बेमौसम बारिश के कारण मेरी यह फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. जिले में जिन किसानों की फसल बारिश से खराब हुई है वो किसान सरकार से जल्दी से जल्दी पंचनमा कर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.
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लातूर सूखा प्रभावित है. लेकिन जिले में तेज हवा और बेमौसम बारिश के कारण पिछले दो दिनों में फसलों की काफी क्षति हुई है. किसान संगठन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र अंबुलगे ने कहा है कि इस साल जिले में पहले सूखा पड़ने की वजह से नुकसान हुआ और अब ज्यादा बारिश से हो रहा है. सूखे की वजह से यहां के जलाशय में मौजूद पानी को सिर्फ पीने के लिए आरक्षित किया गया है. जिसके कारण रबी फसलों का उत्पादन लगभग 15% तक घटने की आशंका जताई जा रही है..लेकिन, अब हालात बिल्कुल बदल गए हैं. अब पिछले दो दिनों से हो रही तेज हवा के साथ बारिश ने जिले में गन्ना ,अरहर और ज्वार की खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया है.
दूसरी ओर इस साल मॉनसून की बेरुखी से बारिश कम होने के कारण खरीफ फसलों का भी उत्पादन लगभग 35% तक घट चुका है. ऐसे में सूखा घोषित किए गए लातूर जिले को अग्रिम फसल बीमा देने का आश्वासन प्रशासन की ओर से किया गया था. लेकिन अभी तक किसी भी किसान को यह फसल बीमा नहीं मिला है. सुरेंद्र अंबुलगे ने कहा कि जिले के पीड़ित किसानों को पिछला बीमा दिलवाया जाए. साथ ही पिछले दो दिनों में बेमौसम बारिश के कारण बर्बाद हुई फसलों का पंचनामा किया जाना चाहिए. ताकि किसानों को जल्दी आर्थिक मुआवजा देना चाहिए.
महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र पिछले दो दिनों में बेमौसम बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मराठवाड़ा में कुल 47 हजार 109 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों के खराब होने की बात सामने आई है. जिसमें 24 हजार 855 हेक्टेयर में बागवानी जबकि 22 हजार 97 हेक्टेयर में रबी फसलों का नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान छत्रपति संभाजी नगर जिले के किसानों को हुआ है.
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