इन दिनों में मॉनसून अपने चरम पर है. देश के कई इलाकों में बाढ़ के हालात हैं. बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों और पशुओं पर देखा गया है. देश में अब तक लाखों एकड़ फसलें बारिश से प्रभावित हुई हैं. इसके अलावा सैकडों पशु भी बारिश की वजह से या तो फंस गए हैं या उनकी मौत हो गई है. अगर बारिश की पहले से जानकारी हो जाए तो कुछ हद तक नुकसान को कम किया जा सकता है. इस खबर में आपको आने वाले 2-3 दिनों में देश के कई हिस्सों में होने वाली बारिश का पूर्वानुमान बताने जा रहे हैं, जिसके बाद किसानों को अपनी तैयारियां पूरी करने का समय मिल सकता है.
मॉनसून की खबरों के लिहाज से गुजरात बहुत महत्वपूर्ण राज्य होता है. समुद्र के किनारे होने के कारण यहां भारी बारिश और तूफान की आशंका बनी रहती है. आपको बता दें उत्तरी गुजरात में 23 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है. वहीं 25 अगस्त से गुजरात राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा का एक नया दौर शुरू हो सकता है.
खेती-बाड़ी के लिहाज से महाराष्ट्र एक प्रमुख राज्य है. इसके अलावा महाराष्ट्र के कई इलाके इन दिनों भारी बारिश की चपेट में हैं. आपको बता दें कि कोंकण और मध्य महाराष्ट्र में वर्षा में और कमी आने की संभावना है, 21 अगस्त को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है, और 22-24 अगस्त के दौरान इन क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है. आपको बता दें कि 22 अगस्त से उत्तर-पश्चिम भारत में वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है.
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25 अगस्त के आस-पास बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और उत्तरी ओडिशा साथ ही पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. जिसके कारण 24 अगस्त से पूर्वी भारत और आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
ये मौसम का पूर्वानुमान जानने के बाद किसानों और आम जन को अपनी तैयारी मौसम के अनुसार पूरी कर लेनी चाहिए. भारी बारिश वाले इलाकों में किसानों को खेत की मेड काटकर रखनी चाहिए ताकि जलभराव से बचाव हो सके. इसके अलावा नदी या तालाब के किनारे जाने से बचें. टूटी पुलों को पार करना भी मुनासिब नहीं है.
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