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यूपी में इस साल पड़ेगी भीषण गर्मी, Heat Waves से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, निर्देश जारी

यूपी में इस साल पड़ेगी भीषण गर्मी, Heat Waves से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, निर्देश जारी

मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में 5 अप्रैल को पश्चिमी यूपी के साथ साथ पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इसके साथ ही 6 अप्रैल को भी पश्चिमी व पूर्वी यूपी में मौसम साफ रहने के आसार है.

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यूपी के मौसम में गर्मी लगातार बढ़ रही है. यूपी के मौसम में गर्मी लगातार बढ़ रही है.

UP News: उत्तर प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़नी शुरू हो गई है. तेज धूप होने के कारण दोपहर के समय लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया है. हालांकि सूरज ढलने के बाद बहुत हद तक गर्मी से निजात मिल जाती है. लेकिन अब रात में भी ठीक ठाक गर्मी पड़ने लगी है. उधर गर्मी को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. गर्मी के मौसम में हीट वेव (Heat Waves) के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों के प्रबंधन और तैयारियों के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से समस्त जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं. दिशा निर्देशों में अंतर्विभागीय समन्वय के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की संचालित होने वाली गतिविधियों का ब्यौरा दिया गया है. साथ ही अत्यधिक हीट वेव के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसकी भी जानकारी दी गई है.

उल्लेखनीय है कि विभिन्न केंद्रीय संस्थाओं की ओर से इस वर्ष उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकांश भागों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना व्यक्त की गई है. इसी को लेकर प्रदेश सरकार ने जनमानस के हितों को ध्यान में रखते हुए ये दिशा निर्देश दिए हैं.

जानिए आने वाले मौसम का हाल

दरअसल, मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में 5 अप्रैल को पश्चिमी यूपी के साथ साथ पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इसके साथ ही 6 अप्रैल को भी पश्चिमी व पूर्वी यूपी में मौसम साफ रहने के आसार है. 7 अप्रैल को भी प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है. इतना ही नहीं, 8 अप्रैल को पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रह सकता है जबकि पूर्वी यूपी में इस दौरान कहीं कहीं पर बारिश और गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. इसी तरह 9 अप्रैल को भी पूर्वी यूपी में बारिश और गरज चमक के साथ बूंदाबांदी होने के आसार है. जबकि पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रह सकता है.

शीतल पेयजल के साथ हो शेल्टर्स की भी व्यवस्था 

विभिन्न संस्थानों द्वारा मार्च से मई, 2024 के बीच गर्मी के मौसम में सीजनल आउटब्रेक की जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि मार्च से मई 2024 के मध्य देश के अधिकांश भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. इस अवधि में उत्तर प्रदेश के मध्य एवं उत्तर पश्चिम भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. इसी के साथ देश के अधिकांश भागों में इस अवधि में मासिक न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. वहीं, देश के मध्य तथा उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में मार्च से मई 2024 के मध्य हीट वेव के प्रचलन की अधिक संभावना है. अधिकांश क्षेत्रों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका के चलते हीट रिलेटेड इलनेसेज के विषय में अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए गतिविधियां प्राथमिकता के आधार पर किया जाना आवश्यक है.

इसके अंतर्गत भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर जनमानस के लिए शीतल एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, गर्मी से बचाव के लिए शेलटर्स की व्यवस्था, व्यस्त स्थानों पर मौसम के पूर्वानुमान तथा तापमान का डिस्प्ले और विद्यालयों में हीट वेव से बचाव के लिए उपायों का जनमानस में व्यापक प्रचार प्रसार सम्मिलित है.

आवश्यक दवाओं समेत अन्य उपकरणों की हो उपलब्धता

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिकित्साधिकारियों, पैरामेडिकल कर्मचारियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स का प्रशिक्षण एवं संवेदीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना आवश्यक है जिसमें इन रोगों की शीघ्रता पहचान तथा उपचार के विषय में भी बताया जाए. इसके अलावा, आवश्यक औषधियां, इंट्रावीनस फ्लूड्स, आइसपैक्स, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट इत्यादि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होनी चाहिए.

हीट वेव के दौरान कैसे करें बचाव

हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है. तत्काल उचित उपचार उपलब्ध ना होने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है. हीट वेव के प्रभावों को कम करने के लिए इन तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए.

1. सावधान रहें
-हीट वेव/लू के संबंध में प्रचार माध्यमों से जारी की जा रही चेतावनी पर ध्यान दें. 
-हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैंप के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना. मूर्छा आदि को पहचानें.
-कमजोरी अथवा मूर्छा जैसी स्थिति का अनुभव होने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह लें.

2. हाइड्रेटेड रहे

-अधिक से अधिक पानी पिएं, यदि प्यास न लगी हो तब भी.
-यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं.
-ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके. 
-जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें जैसे तरबूजा, खरबूजा, संतरे, अंगूर, अन्नास और खीरा-ककड़ी. 

3. शरीर को ढक कर रखें

-हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें.
-धूप के चश्मे, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें.
-अगर आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहे तथा छाते का प्रयोग करें.

4. अधिक से अधिक समय तक घर या कार्यालय के अंदर रहें

-उचित वायु संचरण वाले शीतल स्थानों पर रहें.
-सूर्य की सीधी रोशनी तथा हीट वेव को रोकने के लिए उचित प्रबंध करें और अपने घरों को ठंडा रखें। दिन में खिड़कियां, पर्दे तथा दरवाजे बंद रखें विशेषकर घर तथा कार्यालय के उन क्षेत्रों में जहां सूरज की सीधी रोशनी पड़ती हो. शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठंडा करने के लिए इन्हें खोल दें. 
-घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ाएं.
-पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें.

5. उच्च जोखिम समूहों के लिए निर्देश 

एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिलायें, आउटडोर कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, विशेषकर हृदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों में जा रहे हों, वह सभी विशेष ध्यान रखें क्योंकि यह समूह हीट वेव के लिए अधिक संवेदनशील होता है. 

6. अन्य सावधानियां

-ऐसे बुजुर्ग तथा बीमार व्यक्ति जो एकांतवास करते हों, के स्वास्थ्य की नियमित रूप से देखभाल तथा समीक्षा की जानी चाहिए.
-दिन के समय में अपने घर के निचले तल पर प्रवास का प्रयास करें. 
-शरीर के तापमान को कम रखने के लिए पंखे, गीले कपड़े इत्यादि का प्रयोग करें.