यूपी में इन दिनों गर्मी कुछ ज्यादा ही अपना असर दिख रही है. तेज धूप के साथ-साथ पछुआ हवा की मार से इंसान ही नहीं बल्कि अब खेतों में फसल भी मुरझाने लगी है. किसान फसल बचाने की लिए लगातार सिंचाई कर रहा है लेकिन फिर भी बढ़े हुए तापमान की वजह से उत्पादन पर भारी असर पड़ा है. मंडी में सब्जी की आवक घट गई है जिसके चलते अब बड़ी हुई कीमतों की वजह से लोगों के घरेलू बजट पर भी असर दिख रहा है.
खेतों में सब्जी की पैदावार कम होने से पिछले एक सप्ताह में कीमतें डेढ़ से दो गुने तक जा पहुंची है. पूर्वांचल के कई जिलों में न्यूनतम तापमान 28 से 29 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है जो की सामान्य से काफी ज्यादा है. तापमान के बढ़ने से फसलों की पत्तियां मुरझाने लगी हैं. वहीं किसानों का खर्च सिंचाई के रूप में अब बढ़ने लगा है.
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तेज धूप और पछुआ हवा से जायद की खेती प्रभावित होने लगी है. सब्जियों की खेती पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. पछुआ हवा के चलते सब्जियां की फसलों की पत्तियां अब मुरझा रही है. जायद की फसल के चलते इन दिनों खेत में मूंग ,मक्का के अलावा परवल, करेला ,नेनुआ, लौकी की फसल भी गर्म हवा से मुरझा रही है. सिंचाई के बावजूद भी सब्जियों के फल को नुकसान हो रहा है. सब्जी की खेती करने वाली किसानों को खेती में नमी बनाए रखने के लिए पहले के मुकाबले सिंचाई ज्यादा करनी पड़ रही है जिससे उनका खर्च भी बड़ा है. उत्पादन में पहले के मुकाबले 40 से 50 फ़ीसदी की गिरावट आई है.
गर्मी की वजह से खेतों में सब्जियों के पैदावार पहले के मुकाबले आधी हो गई है जिसके चलते मंडी में इन दिनों सब्जियों की आवक कम हो गई है. किसान के मुताबिक गर्मी से फूल जल जा रहे हैं और पैदावार आधी हो गई है. कद्दू, लौकी, तोरई, नेनुआ, खीरा, ककड़ी की लताएं सूख रही है. वहीं किसान विवेक प्रजापति ने बताया की सब्जियों की आवक कम होने से दाम बढ़ गए हैं. थोक मंडी में सब्जियों के दाम 10 से ₹15 किलो तक बढे हैं जबकि फुटकर दुकानों पर कीमतें पहले के मुकाबले दोगुनी तक हुई है. उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इन दिनों मिर्च और परवल के दाम में तेजी सबसे ज्यादा है. मिर्च ₹100 के पार जा पहुंचा है तो वहीं परवल ₹80 किलो, तोरई ₹60 किलो तो वहीं भिंडी ₹50 किलो तक बिक रही है, जबकि पहले इन्हीं सब्जियों के दाम 20 से 30 रुपए प्रति किलो तक थे.
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